भोजन करना किसको पसंद नहीं होता है. अच्छे खाने की तलाश में लोग दूर-दूर तक जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के प्रधानमंत्री के लिए जब खाना बनता है, तो उसे कौन टेस्ट करता है.
देश के प्रधानमंत्री की पसंद के मुताबिक, अलग-अलग खाना बनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री के खाने से पहले उस खाने को कोई और चखता है.
देश के प्रधानमंत्री ही नहीं राष्ट्रपति और अन्य सभी वीवीआईपी लोगों के खाने को हमेशा बनने के बाद एक बार सुरक्षा के लिहाज से टेस्ट किया जाता है. क्योंकि सुरक्षा प्रोटोकॉल के मुताबिक प्रधानमंत्री खाना बनने के बाद सीधे खाना नहीं खा सकते हैं.
दुनियाभर में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जब किसी वीवीआईपी के खाने में जहर डालकर उन्हें मारने की कोशिश हुई है. ऐसे में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के आवास के बाहर भी जब कभी किसी दौरे पर उनका भोजन होता है तो उनके खाने को टेस्ट किया जाता है.
बता दें कि पुराने समय में रॉयल परिवारों में फूड टेस्टर हुआ करते थे. ये एक पूरा स्टाफ होता था, जिसका काम राजपरिवार के लिए बने खाने को चखकर ये साबित करना होता था कि उसमें किसी तरह का जहर नहीं मिला है. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग सारे देशों के लीडर सीक्रेट तौर पर फूड टेस्टर रखते हैं.
जानकारी के मुताबिक, कई सारे ऐसे जहर होते हैं, जिन्हें खाने में मिलाया जाता है. जैसे आर्सेनिक ट्रायऑक्साइड, सायनाइड और एट्रोपाइन. हालांकि सारे जहर अलग-अलग ढंग से काम करते हैं, लेकिन एक लक्षण सब में एक सा है. जहर मिला खाना खाने के बाद उस इंसान को उल्टियां होती हैं.