रूस और पश्चिमी देशों के बीच 26 कैदियों की अदला-बदली की गई। इस कैदी अदला-बदली में दोनों पक्षों के कई हाई प्रोफाइल कैदियों को रिहा किया गया। शीत युद्ध के बाद पहली बार रूस और पश्चिमी देशों के बीच इतने बड़े पैमाने पर कैदियों की अदला-बदली हुई है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैदियों की अदला-बदली के लिए तुर्की मध्यस्थता कर रहा था और यह पूरा सौदा तुर्की की राजधानी अंकारा में हुआ। इस सौदे के तहत अमेरिका, रूस, जर्मनी, स्लोवेनिया समेत 7 देशों की जेलों में बंद 26 कैदियों को रिहा किया गया।
इस अदला-बदली के बाद 10 कैदियों को रूस भेजा गया, जबकि 13 कैदियों को जर्मनी और 3 कैदियों को अमेरिका भेजा गया। रूस और अमेरिका के लिए ये कैदी कितने अहम थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रूसी कैदियों को लेने के लिए खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एयरपोर्ट पहुंचे। जबकि अमेरिकी कैदियों को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रिसीव किया।
रूस के कैदी कौन हैं?
1. वादिम कसीकोव: इस सौदे के तहत जर्मनी की जेल में बंद हाई प्रोफाइल कैदी वादिम कसीकोव को रिहा किया गया। वह रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) का एजेंट था और 2019 में एक चेचन कमांडर की हत्या के लिए जर्मन जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। मुकदमे के दौरान, जर्मन एजेंसियों ने उस पर रूसी खुफिया एजेंसी के इशारे पर काम करने और एक गुप्त कॉकस का हिस्सा होने का आरोप लगाया था।
हालांकि, वादिम कसीकोव की ओर से पेश हुए वकीलों ने उसे एक निर्माण श्रमिक बताया और उसकी पहचान वादिम सोकोलोव के रूप में की।
2. वादिम कोनोशचेनोक: अदला-बदली के बाद रूस पहुंचने वाला एक और हाई प्रोफाइल कैदी वादिम कोनोशचेनोक है, जिसे अमेरिका ने अमेरिका के इशारे पर रूस के खिलाफ साजिश रचने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। कोनोशचेनोक पर रूस के FSB का एजेंट होने का भी आरोप था।
3. आर्टेम दुलत्सेव और अन्ना दुलत्सेवा: आर्टेम दुलत्सेव और अन्ना दुलत्सेवा को भी कैदी अदला-बदली में रिहा किया गया था। आर्टेम डुल्टसेव और उनकी पत्नी अन्ना डुल्टसेवा को जासूसी के आरोप में स्लोवेनिया ने गिरफ्तार किया था। उनके दोनों बच्चे भी स्लोवेनिया में थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, उनके बच्चों को भी नहीं पता था कि उनके माता-पिता रूस से हैं। कैदी एक्सचेंज के बाद, जब वे अपने माता-पिता के साथ विमान में सवार हुए, तो उन्हें पता चला कि वे रूसी हैं।
4. मिखाइल वेलेरिविच मिकुशिन: यूनिवर्सिटी लेक्चरर मिखाइल को जासूसी के आरोप में नॉर्वे ने गिरफ्तार किया था। उन पर रूस के लिए खुफिया जानकारी जुटाने का आरोप था। नॉर्वे की सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, मिखाइल खुद को ब्राजील का नागरिक बताता था और उसके पास ब्राजील का पासपोर्ट भी था।
अमेरिका के कैदी कौन हैं?
इवान गेर्शकोविच: रूस द्वारा रिहा किए गए पश्चिम के हाई-प्रोफाइल कैदियों में अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच भी शामिल हैं। गेर्शकोविच को जासूसी के आरोप में 16 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार इवान को पिछले साल मार्च में मॉस्को से करीब 1600 किलोमीटर दूर रिपोर्टिंग करते समय गिरफ्तार किया गया था। रूसी एजेंसियों ने दावा किया कि गेर्शकोविच सीआईए का जासूस था।
पॉल व्हेलन: पूर्व अमेरिकी मरीन पॉल व्हेलन को 2020 में जासूसी के आरोप में मॉस्को में गिरफ्तार किया गया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पॉल व्हेलन 2008 में यूएस मरीन से रिटायर होने के बाद सुरक्षा सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। वे काम के लिए रूस आते-जाते रहते थे। इसी बीच उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।