भारतीय सेना कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने में जुटी है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जवानों को खुली छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि आतंकियों का जल्द से जल्द सफाया किया जाना चाहिए।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की है। उन्होंने उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिद्र कुमार को खुली छूट दे दी है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल ने कहा कि आतंकियों का जल्द से जल्द खात्मा किया जाना चाहिए। फिलहाल कश्मीर में 16वीं कोर के कमांडर और उनके साथ डेल्टा और रोमियो फोर्स के कमांडरों को सीधे तौर पर आतंकियों का खात्मा करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूरे जम्मू क्षेत्र में राष्ट्रीय राइफल के जवान तैनात
आतंकवादियों के खात्मे के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी की अहम भूमिका है। इसमें वे खुफिया जानकारी लेकर भारतीय सेना की अलग-अलग राष्ट्रीय राइफल यूनिट के साथ ऑपरेशन चला रहे हैं। फिलहाल पूरे जम्मू क्षेत्र में भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल के जवान तैनात हैं। इनकी संख्या हजारों में है।
आतंकवादियों को खोज-खोज कर सेना के जवान मार गिरा रहे हैं
यही वजह है कि आतंकियों के साथ लगातार मुठभेड़ हो रही है, क्योंकि सेना के जवान आतंकियों की तलाश कर रहे हैं। उन्हें जल्द से जल्द मार गिराने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अभी तक यह इलाका हमेशा शांत माना जाता था लेकिन हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर इस पूरे इलाके को सक्रिय कर दिया है। इसीलिए 15 हजार फीट की ऊंचाई पर चुनौती बनी हुई है। वहां चढ़ना बेहद मुश्किल है। इसके अलावा वहां गुफाएं और आतंकियों के ओवर ग्राउंड वर्कर भी हैं।
सेना की कार्रवाई से आतंकी बौखलाए हुए हैं
सेना की जवाबी कार्रवाई से आतंकी बौखलाए हुए हैं। यही वजह है कि आज आतंकियों ने भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल यूनिट की टुकड़ी के साथ शौर्य चक्र से सम्मानित ग्राम रक्षा दल पुरुषोत्तम कुमार के घर पर हमला किया है। सेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया है। सेना का ऑपरेशन अभी भी जारी है।
सेना के साथ-साथ पुलिस और एसओजी की टीम भी ऑपरेशन में जुटी हुई है
आपको बता दें कि घाटी और एलओसी के पास ये ऑपरेशन इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि यहां के लोगों का भारतीय सेना पर भरोसा है। दिन-रात ये सभी लोग भारतीय सेना का साथ दे रहे हैं। साथ ही आतंकियों के बारे में खुफिया जानकारी भी दे रहे हैं। स्थानीय लोगों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और ग्राम रक्षा दल भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं।