कई बार जब जीवन में मुश्किलें या संघर्ष आते हैं, तो लोग शिकायत या बहाने बनाने लगते हैं। ऐसे में झारखंड की राजधानी रांची के देवी मंडप रोड की रहने वाली लक्ष्मी गोप की कहानी इन लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी मुश्किलों के आगे कभी हार नहीं मानी और न ही कभी शिकायत की। इस कड़ी में आइए जानते हैं कि लक्ष्मी ने अपने हुनर के दम पर कैसे अपनी जिंदगी को सफल बनाया है। लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान लक्ष्मी ने बताया कि बचपन में उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी। शादी के बाद भी उन्हें सही पति नहीं मिला, जिससे उनकी परेशानियां और भी बढ़ गईं।
कई बार ऐसा भी हुआ जब उनके पास पेंसिल खरीदने के लिए ₹1 भी नहीं थे। इसके बावजूद लक्ष्मी ने अपने दम पर दोनों बच्चों की परवरिश की है। अब वह लोगों को अपने हाथों का हुनर सिखाने का काम करती हैं। लक्ष्मी बताती हैं कि वह अचार, पापड़ और सिलाई, कढ़ाई जैसी चीजें बनाकर अपना घर का खर्च चलाती हैं। इससे मिलने वाले पैसों को वह बच्चों की पढ़ाई में लगाती थीं। उनका एक बेटा और एक बेटी है जो अब अच्छा कमा रहे हैं और उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं।
आज लक्ष्मी की उम्र 60 साल से ज़्यादा है। अब वो 500 से ज़्यादा लड़कियों को सिलाई का मुफ़्त प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद कर रही हैं। वो पिछले 20 सालों से ये काम कर रही हैं।
लक्ष्मी बताती हैं कि शाम को यहाँ क्लास लगती हैं। लोग चाहें तो मेरे देवी मंडप घर में या किशोरगंज में किराए के घर में भी आ सकते हैं और इस नंबर 6201082385 पर संपर्क करके ज़्यादा जानकारी भी ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस उम्र में अपने हुनर का सही इस्तेमाल करके वो एक तरह से समाज सेवा कर रही हैं और साथ ही इससे समय का भी सदुपयोग हो रहा है। खाली बैठने से बेहतर है कि अपने हुनर से आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाया जाए।