लोकसभा चुनाव के बाद अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार पूरे फॉर्म में हैं। वह हर सीट के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसके साथ ही वह भाजपा की हर कमजोर कड़ी पर हमला बोल रहे हैं। इस क्रम में वह उनकी बड़ी मछलियों का शिकार करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में 83 साल की उम्र में शरद पवार ने न सिर्फ अपनी पार्टी को पुनर्जीवित किया बल्कि अपने विरोधियों का भी पूरी तरह सफाया कर दिया। उन्होंने संकेत दे दिए कि भले ही उनकी उम्र बढ़ गई हो लेकिन उनकी ऊर्जा और तेवर आज भी वैसे ही हैं जैसे चार दशक पहले थे।
शरद पवार ने मराठवाड़ा क्षेत्र में भाजपा को बड़ा झटका दिया है। लातूर जिले के उदगिरी से भाजपा के पूर्व विधायक सुधाकर भालेराव ने पार्टी छोड़ दी है। सुधाकर भालेराव जल्द ही शरद पवार की पार्टी एनसीपी शरद गुट में शामिल होंगे। दो बार के पूर्व विधायक भालेराव 2009 और 2014 में उदगिरी से भाजपा विधायक चुने गए थे। हाल ही में उन्होंने मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की थी। अब उनके जल्द ही एनसीपी शरद गुट में शामिल होने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि सुधाकर भालेराव उदगिरी से विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। लेकिन, एनडीए में हुए बंटवारे के तहत यह सीट अजित पवार गुट को दे दी गई है। यहां से मौजूदा विधायक संजय बनसोड़े फिलहाल अजित पवार की पार्टी एनसीपी में हैं। वे राज्य सरकार में खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय के मंत्री हैं। उदगिरी आरक्षित सीट है। पिछले 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। लेकिन, 2014 में उन्होंने बनसोड़े को 24 हजार वोटों से हराया था।
भालेराव का एनसीपी शरद गुट में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले साल अक्टूबर में लातूर के अहमदपुर से दो बार के भाजपा विधायक विनायक पाटिल शरद पवार के साथ हो गए थे। नांदेड़ के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांत पाटिल भी शरद पवार के साथ आ गए हैं। छत्रपति संभाजीनगर के पूर्व उप महापौर राजू शिंदे भी भाजपा छोड़कर शिवसेना के उद्धव गुट में शामिल हो गए हैं।