जून में लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नई गठबंधन सरकार में जनता का विश्वास जगाने का प्रयास करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही सरकार कराधान के लिए अधिक मानकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की पहल की घोषणा कर सकती है। मूडीज एनालिटिक्स ने पेश होने वाले बजट से इसकी उम्मीद जताई है। भाषा की खबर के मुताबिक, मूडीज एनालिटिक्स की अर्थशास्त्री अदिति रमन का कहना है कि जून में लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नई गठबंधन सरकार में जनता का विश्वास जगाने की कोशिश करेगी।
आर्थिक नीति में कोई बड़ा बदलाव अपेक्षित नहीं
खबरों के अनुसार, रमन ने कहा कि अंतरिम बजट में कर की दरें बरकरार रखी गई हैं, लेकिन नियोजित सरकारी व्यय में किसी भी वृद्धि के लिए घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कराधान के माध्यम से अधिक कर की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक नीति में फिलहाल कोई बड़ा बदलाव अपेक्षित नहीं है। चुनाव के बाद का यह बजट पहले से तय लक्ष्यों को मजबूत करेगा। इससे पहले, अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च, विनिर्माण क्षेत्र को समर्थन और राजकोषीय विवेक पर जोर दिया गया था।
नीतियों को जारी रखने पर रहेगा जोर
मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि बजट का कारोबार और उपभोक्ता विश्वास पर असर पड़ेगा। बजट में बुनियादी ढांचे और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं पर पूंजीगत व्यय के लिए वित्त पोषण को बनाए रखा जाएगा या शायद बढ़ाया भी जाएगा। रमन ने कहा कि बजट में कराधान के लिए अधिक मानकीकृत दृष्टिकोण पेश किए जाने की संभावना है, लेकिन व्यापक जोर नीतियों को जारी रखने पर रहेगा।