चलती ट्रेन में वेंडर से खाना खरीदते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। नहीं तो आपको तय कीमत से ज्यादा चुकाना पड़ सकता है और बीमार भी पड़ सकते हैं। खुद भारतीय रेलवे ने यात्रियों से मदद की अपील की है ताकि ऐसे ‘वेंडर’ पकड़े जा सकें। रेलवे ऐसे वेंडरों के खिलाफ अभियान भी चला रहा है। जानिए क्यों पकड़े जा रहे हैं ये वेंडर?
रेलवे वेंडरों के अलावा बड़ी संख्या में अनधिकृत वेंडर बीच रास्ते में ही ट्रेनों में चढ़ जाते हैं। ये वेंडर यात्रियों से तय कीमत से ज्यादा वसूलते हैं और कई बार इनके खाने की गुणवत्ता भी खराब होती है, जिससे यात्री बीमार भी पड़ जाते हैं। यात्रियों ने इस संबंध में रेलवे से शिकायत भी की है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे अभियान चला रहा है।
अधिकारियों को निर्देश
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में सभी अधिकारियों को ट्रेनों और स्टेशनों पर अवैध वेंडरिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके चलते इस साल जनवरी से जुलाई तक 6547 अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और उनसे करीब 55 लाख का जुर्माना भी वसूला गया है। यात्रियों से अपील
उत्तर मध्य रेलवे की आरपीएफ ने यात्रियों से भी अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति ट्रेनों या स्टेशनों पर किसी भी स्थान पर बिना वर्दी और आईडी कार्ड के खाद्य सामग्री बेच रहा है, तो उससे कोई भी खाद्य सामग्री न लें। साथ ही ऐसे व्यक्ति की जानकारी ट्रेनों और स्टेशनों पर मौजूद आरपीएफ को दें या फिर 139 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके भी सूचित कर सकते हैं।
ऐसे करें अधिकृत विक्रेता की पहचान
अधिकृत विक्रेताओं के पास आईडी कार्ड होता है और वे उचित वर्दी में होते हैं। उनके पास मेडिकल कार्ड भी होता है, जिसे वे यात्री के मांगने पर दिखाते हैं। अगर किसी यात्री को विक्रेता पर संदेह होता है, तो वह तुरंत उसका आईडी कार्ड या मेडिकल कार्ड मांग सकता है, जिससे उसकी पहचान करने में मदद मिलेगी।