Friday, November 22, 2024
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फिल्म ‘कल्कि 2898 AD’ क्यों विवादों में आई? आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताई वजह

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने फिल्म ‘कल्कि 2898 ई.’ के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों को नोटिस भेजकर उन पर धार्मिक तथ्यों और धार्मिक पुस्तकों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भले ही आप हमारी आस्था का सम्मान न करें, लेकिन उसका अपमान भी न करें।

बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फिल्म ‘कल्कि 2898 ई.’ विवादों में घिर गई है। यूपी के संभल के कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों पर धार्मिक तथ्यों और धार्मिक पुस्तकों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भले ही आप हमारी आस्था का सम्मान न करें, लेकिन उसका अपमान न करें। कल्कि भगवान विष्णु के अंतिम अवतार हैं। कल्कि नारायण का अवतार कहां होगा, कब होगा, कैसे होगा, किसके यहां होगा, उनकी माता का नाम क्या होगा, उनके पिता का नाम क्या होगा, उस स्थान का नाम क्या होगा, यह सब पुराणों में वर्णित है। इसके साथ छेड़छाड़ क्यों की जा रही है, इसके साथ छेड़छाड़ क्यों की जा रही है?

“चंद पैसों के लिए शास्त्रों से खिलवाड़ करेंगे”

उन्होंने कहा कि अगर कोई फिल्म बनाना चाहता है तो बना सकता है, इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी और मनोरंजन के नाम पर अगर आप चंद रुपयों के लिए हमारे शास्त्रों से छेड़छाड़ करेंगे, ये ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोग भगवान के कल्कि अवतार का इंतजार कर रहे हैं। अभी 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि धाम का शिलान्यास किया है, जहां भगवान कल्कि आएंगे। उनके आगमन से पहले श्री कल्कि धाम का शिलान्यास किया जा रहा है। भगवान कल्कि के बारे में जो बातें पुराणों में लिखी हैं, उससे आप विमुख नहीं हो सकते। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि उन्होंने फिल्म के निर्माता और निर्देशक से पूछा है कि हमारी आस्था को ठेस पहुंचाकर आपको क्या मिलेगा? उन्होंने कहा कि नोटिस के जवाब का इंतजार है। उसके बाद हम कोर्ट जाएंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर सनातन की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार और शास्त्रों से छेड़छाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। शिकायत पर फिल्म निर्माताओं को नोटिस

एडवोकेट उज्ज्वल कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने संभल स्थित कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की शिकायत पर फिल्म निर्माताओं को नोटिस भेजा है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म कल्कि के निर्देशक, निर्माता और अभिनेता को कानूनी नोटिस भेजा गया है। यह फिल्म हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाती है। हमारे पुराणों में लिखा है कि भगवान विष्णु संभल में व्यास जी के घर जन्म लेंगे और फिल्म में भगवान का जन्म कृत्रिम गर्भाधान से दिखाया गया है। इन सभी बातों को लेकर हमने कानूनी नोटिस दिया है। अगर उन्होंने फिल्म में बदलाव नहीं किया तो हम आपके खिलाफ कोर्ट भी जाएंगे।

कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के फैसले पर भी दी प्रतिक्रिया

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर आने वाले दुकानदारों और रेस्टोरेंट मालिकों के नेम प्लेट लगाने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म झूठ बोलकर किसी को धोखा देने के लिए नहीं कहता। कोई भी धर्म चोरी करना नहीं सिखाता। चोरी क्यों की जा रही है, क्यों छिपाई जा रही है? कांवड़ यात्रा तपस्या का विषय है, आस्था का विषय है, भक्ति का विषय है, साधना और तपस्या का विषय है। उन्होंने कहा कि मैं अखिलेश यादव और राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि विपक्ष के सभी नेता पिछले कई सालों से चिल्ला रहे थे कि अपनी जाति बताओ, जाति जनगणना करो। अब नाम बताने में दिक्कत हो रही है। आप कांवड़ियों को क्यों ठगना चाहते हैं।

“रेलवे में जाते हैं तो वहां भी अपनी पहचान बतानी पड़ती है”

उन्होंने कहा कि अगर आप हवाई जहाज में जाते हैं तो आपको अपना पहचान पत्र दिखाना पड़ता है। अगर आप रेलवे में जाते हैं तो वहां भी आपको अपनी पहचान बतानी पड़ती है। अगर आप किसी होटल में जाते हैं तो वहां भी आपको अपनी पहचान बतानी पड़ती है, तो अगर आप कोई दुकान खोल रहे हैं तो उसमें झूठ बोलकर किसी का धर्म भ्रष्ट क्यों कर रहे हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मुझे लगता है कि इस देश को गड्ढे में डालने का काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने जो नियम बनाया है, वह कानून की दृष्टि से सही है, कांवड़ियों की सुरक्षा की दृष्टि से सही है, संविधान की दृष्टि से सही है, धर्म की दृष्टि से सही है। मैं हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि वे कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों द्वारा लिए गए निर्णय को अपने-अपने राज्यों में लागू करें। कांवड़ियों को धोखा देने या छलने का किसी को अधिकार नहीं है।

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