नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की लाओस यात्रा विशेष महत्व रखती है क्योंकि इस वर्ष भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।
वियनतियाने (लाओस): विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय आसियान शिखर सम्मेलन के लिए लाओस में हैं। इस दौरान उन्होंने आसियान देशों के साथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उन्होंने दुनिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के भारत के संदेश को भी आगे बढ़ाया। उन्होंने आज आसियान बैठक के दौरान फिलीपींस के अपने समकक्ष एनरिक एम मनालो और नॉर्वे के एस्पेन बार्थ आइडे से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। जयशंकर ने तिमोर लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास और कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सोक चेंडा सोफिया के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं।
जयशंकर और अन्य सभी नेता इस समय आसियान ढांचे के तहत आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) में भाग लेने के लिए लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (लाओस) की राजधानी वियनतियाने में हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई समकक्षों के साथ जयशंकर की बातचीत मुख्य रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों और भू-राजनीति पर केंद्रित रही, जबकि उन्होंने नॉर्वे के नेता के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर चर्चा की। नॉर्वे के विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा, “आज एस्पेन बार्थ ईडे के साथ बैठक अच्छी रही। भारत और नॉर्वे स्वच्छ ऊर्जा और व्यापार में अपनी साझेदारी जारी रखेंगे। दोनों देश देशों की बेहतरी के लिए यूरोपीय मुक्त व्यापार समझौते (ईएफटीए) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भू-राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हुई।” जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा कि वह फिलीपींस के अपने मित्र एनरिक ए मनालो से मिलकर “खुश” हैं। उन्होंने कहा, “दोनों लोकतंत्रों के बीच हमारे मजबूत होते सहयोग और भारत-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी, विशेष रूप से कानून के शासन और आसियान की प्रमुखता बनाए रखने पर चर्चा हुई।”
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बनी रणनीति
फ्रीटास से मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, “आसियान बैठक के दौरान तिमोर लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास से मिलकर खुशी हुई। दिल्ली (भारत की राजधानी) से लेकर दिली (तिमोर लेस्ते की राजधानी) तक हमारी दोस्ती विविधतापूर्ण और गहरी बनी रहेगी। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की साझा प्राथमिकताओं पर एक-दूसरे के साथ अपने विचार साझा किए।” एक अन्य पोस्ट में विदेश मंत्री ने कहा, “कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सोक चेंडा सोफिया से मिलकर खुशी हुई। हवाई संपर्क, रक्षा और विरासत संरक्षण सहित हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति पर गौर किया। इसे और आगे ले जाने के लिए उत्सुक हूं।”