आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समयसीमा बीत चुकी है और आखिरी दिन यानी 31 जुलाई को 50 लाख से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए गए। जाहिर सी बात है कि इस जल्दबाजी में कई करदाताओं ने गलतियां की होंगी। अगर आपने अपना रिटर्न किसी सीए से भरवाया भी है तो भी किसी गलती के लिए आप ही जिम्मेदार माने जाएंगे। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी है कि समय रहते आईटीआर में की गई गलतियों को सुधार लें। अब अगर आपने आईटीआर में कोई गलती कर दी है तो उसे सुधारने का तरीका क्या है और आयकर विभाग आपको इसके लिए कब तक मौका देता है।
जल्दबाजी में आईटीआर दाखिल करने वालों ने सबसे ज्यादा गलतियां अपने बैंक अकाउंट में या फिर गलत तरीके से रिफंड क्लेम करने में की होंगी। कई करदाताओं ने गलत बैंक अकाउंट दर्ज किया होगा या रिफंड के लिए गलत जानकारी दी होगी या ब्याज से होने वाली किसी आय की सही जानकारी या कैलकुलेशन नहीं दी होगी। ऐसे करदाताओं को अब अपनी गलती सुधारने के लिए संशोधित आईटीआर दाखिल करना होगा, जिसमें आयकर विभाग आपको अपनी गलतियों को फिर से सुधारने का मौका देता है।
क्या है रिवाइज्ड ITR
सबसे पहले आपको बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिवाइज्ड ITR फाइल करने के लिए कोई फीस नहीं लेता है और जो लोग डेडलाइन यानी 31 जुलाई के बाद रिटर्न फाइल करते हैं, उन्हें भी बिना किसी फीस के रिवाइज्ड ITR फाइल करने का मौका मिलता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सेक्शन 139(5) के तहत पहले से फाइल किए गए ITR में हुई गलतियों को सुधारने का मौका देता है।
अगर वेरिफाई नहीं किया तो…
अगर किसी टैक्सपेयर ने डेडलाइन के अंदर अपना ITR फाइल कर दिया है, लेकिन उसने उसे वेरिफाई नहीं किया है, तो उसे रिवाइज्ड ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है। इसकी जगह वह अपना पहले से फाइल किया गया ITR डिलीट कर सकता है और उसकी जगह नया रिटर्न फाइल कर सकता है। इस पर कोई लेट फीस या जुर्माना नहीं लगेगा।
कब तक फाइल किया जा सकता है रिवाइज्ड ITR
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को रिवाइज्ड ITR फाइल करने के लिए 31 दिसंबर तक का मौका देता है। दूसरी बात यह है कि आप जितनी बार चाहें रिवाइज्ड ITR फाइल कर सकते हैं। आप 31 दिसंबर से पहले जितनी बार चाहें अपना रिवाइज्ड ITR फाइल कर सकते हैं। इसे भरने का तरीका भी काफी सरल है और आप आयकर विभाग के पोर्टल पर आसानी से आईटीआर संशोधित कर सकते हैं।