जन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत शिक्षा और सरकारी जनमत संग्रह में 4 फीसदी का अंतर दिया गया है। यह कानून देश के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी शिक्षा अभिलेखों और दस्तावेजों पर लागू होता है, इसे देखने के लिए लोगों को आगे बढ़ने का अवसर भी मिलता है लेकिन अक्सर इस कानून की प्रतिष्ठा में कई बार लोग गलत तरीके से लाभ उठा लेते हैं। जैसा कि अब तक आयुर्वेदिक ट्रेनी पूजा खेदकर के मामले में नजर आ रही है।
हम यहां जानेंगे कि किस जगह ये कोटा कोटा है और इसके क्या मानक हैं। उसके क्या नियम हैं. सबसे पहले एक बार ये देखें कि किस देश के सबसे महंगे संस्थान में नयापन है
– आईआईटी में 04 फीसदी
– एनआईटी में 05 फीसदी
– आईआईएम में 05 फीसदी
– यूपीएससी में 04 फीसदी
यूपीएससी में कितना पीडब्ल्यूडी कोटा
यूपीएससी दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कुल रिक्तियों की 4 फीसदी जगह आरक्षित रखता है, लेकिन इसमें कई बार ऐसे लोग इस कोटे से सेलेक्ट हो गए, जिन्हें लेकर अब तक सवाल उठते रहे हैं.
इसके लिए एक प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, जिसे तय प्राधिकारी द्वारा सत्यापित कर सकता है, अगर इसमें कोई 40 फीसदी या अधिक विकलांगता वाला उम्मीदवार है, तो वो यूपीएससी में पीडब्ल्यूडी कोटा का पात्र माना जाता है.
विकलांग कोटा में तीन प्रकार की विकलांगता पर विचार होता है:
– विकलांगता और कम दृष्टि (3 रिक्तियाँ)
– बहरा और कम दृष्टि देता है (9 रिक्तियाँ)
– गंभीर पक्षाघात, ठीक हुआ कुष्ठ रोग , बाउनापन, एसिड अटैक पीड़ित और मस्कुलर डिस्ट्रोफी सहित लोकोमोटर विकलांगता (8 रिक्तियां)
बहु-विकलांगता वाले पियानो के लिए भी 4 रिक्तियां जारी हैं, हालांकि इन रिक्तियों की संख्या में कमी और वृद्धि भी हो सकती है।
इसकी प्रक्रिया कैसी होती है
– पात्र बच्चों को पूरा करने वाले प्रतियोगी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
– मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र अपलोड करना जरूरी है।
– यूपीएससी के अंतर्गत अंतिम चयन सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के आधार पर रसायनिक श्रेणी होती है।
अधिकतम समय मिलता है और उम्र में भी छूट मिलती है
– यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रत्येक पेपर के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय मिलता है।
– PwD विकलांग के लिए अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट दी जाती है।
– बट बट को यूपी यूएसएससी परीक्षा के लिए 9 प्रयास तक कर सकते हैं। की मात्रा है, एससी/एसटी अवशेष को लगभग असीमित संख्या में निकालने का प्रयास किया जाता है।
आईआईटी में कितनी सीटें
भारत में आईआईटी और अन्य प्रीमियम इंजीनियरिंग संस्थानों में विकलांगता/विकलांगता कोटा कुल सीटों का 5 फीसदी है, जिसमें जेईई मेन के माध्यम से छात्रों को प्रवेश दिया जाता है.
– राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में पीडब्ल्यूडी कोटा की 50% सीटें गृह राज्य के उम्मीदवारों के लिए और 50% अन्य राज्य के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होती हैं.
– ट्रिपल आईटी यानि आईआईआईटी और जीएफटीआई में प्रवेश अखिल भारतीय कोटा, गृह राज्य कोटा और अन्य राज्य कोटा पर आधारित होते हैं, जिसमें 5% पीडब्ल्यूडी आरक्षण शामिल है.
राज्य इंजीनियरिंग कॉलेज में पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण राज्य सरकार के नियमों के अनुसार होता है
जेईई परीक्षा में क्या लाभ मिलता है
– जेईई मेन परीक्षा में प्रत्येक पेपर के लिए दिव्यांग उम्मीदवारों को एक घंटे का अतिरिक्त समय मिलता है.
– PwD उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति और फ़ैलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता मिलती है.
आईआईएम में क्या होता है
भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए अपनी 3% सीटें PwD श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखते हैं.
उनके प्रमाण पत्र सक्षम या तय प्रमाणन प्राधिकारी द्वारा सत्यापित होने चाहिए. इशमें 40 फीसदी या अधिक विकलांगता वाले उम्मीदवार इस कोटा के पात्र होते हैं.
तीन तरह की विकलांगता पर विचार
– अंधापन और कम दृष्टि
– बहरा और सुनने में कठिनता
– सेरेब्रल पाल्सी, ठीक हुए कुष्ठ रोग, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित लोकोमोटर विकलांगता
आईआईएम में क्या है इनके लिए प्रक्रिया
– कैट कटऑफ को पूरा करने वाले पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को लिखित योग्यता परीक्षा (डब्ल्यूएटी) और व्यक्तिगत साक्षात्कार (पीआई) राउंड के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है.
– PwD श्रेणी के तहत IIM प्रवेश के लिए अंतिम चयन उम्मीदवार की पूरी प्रोफ़ाइल – CAT स्कोर, शैक्षणिक प्रदर्शन, कार्य अनुभव और WAT/PI स्कोर पर आधारित होती है.
कुछ आईआईएम में अन्य की तुलना में पात्रता मानदंड, कटऑफ, फीस और पीडब्ल्यूडी सीटों की संख्या भिन्न हो सकती है. उदाहरण के लिए, IIM अहमदाबाद में क्वालीफाइंग CAT कटऑफ 80 है, जबकि IIM काशीपुर में 94 है.
यहां उन्हें क्या कहा जाता है
– PwD अभ्यर्थियों को CAT परीक्षा में प्रत्येक पेपर के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय
– PwD अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति और फेलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता