नेपाल विमान हादसे पर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें प्रत्यक्षदर्शियों से बयान लिए गए हैं कि आग लगने से पहले क्या हुआ था। एयरपोर्ट पर मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि विमान पहले एक कंटेनर से टकराया और फिर आग लग गई।
काठमांडू: नेपाल में विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले क्या हुआ था, इस बारे में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। आपको बता दें कि इस दुर्घटना में केवल एक ही व्यक्ति जीवित बचा है और वह विमान का पायलट कैप्टन मनीष राज शाक्य है, जो विमान में आग लगने से पहले चमत्कारिक रूप से कॉकपिट सेपरेशन से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा। गुरुवार को मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई। नेपाल में उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में 18 लोगों की मौत हो गई।
सौर्य एयरलाइंस के बॉम्बार्डियर सीआरजे-200 विमान में बुधवार को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) से उड़ान भरने के तुरंत बाद आग लग गई। विमान में 19 लोग सवार थे, जिनमें दो चालक दल के सदस्य, एयरलाइन का तकनीकी स्टाफ और एक बच्चा और उसकी मां शामिल थे। विमान नियमित मरम्मत सेवा के लिए पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा था। अधिकारियों ने कहा कि 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन की इलाज के दौरान मौत हो गई।
कंटेनर से टकराने के बाद लगी आग
एयरपोर्ट सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि जब विमान रनवे से फिसलकर कंटेनर से टकराया तो कॉकपिट का अगला हिस्सा उसमें फंस गया जबकि विमान का बाकी हिस्सा जमीन के दूसरी तरफ गिर गया। इस बीच विमान में आग लग गई और यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई। टीआईए सुरक्षा कार्यालय प्रमुख और उप महानिरीक्षक राम दत्त जोशी ने बताया कि कैप्टन शाक्य (37) को एयरपोर्ट परिसर के अंदर एक कंटेनर से बचा लिया गया। ‘द राइजिंग नेपाल’ अखबार ने डीआईजी जोशी के हवाले से बताया, “हमने कैप्टन शाक्य को कंटेनर के अंदर से बचाया।” उन्होंने बताया कि डॉक्टर उनके मस्तिष्क में लगी चोटों की जांच कर रहे हैं।
फिलहाल उनका काठमांडू मेडिकल कॉलेज (केएमसी) में इलाज चल रहा है। केएमसी सूत्रों ने बताया कि कैप्टन शाक्य आग से नहीं जले हैं लेकिन उन्हें कई अंदरूनी चोटें आई हैं और डॉक्टर उनकी टूटी हड्डियों की सर्जरी करने की तैयारी कर रहे हैं। नेपाल सरकार ने विमान दुर्घटना में मारे गए 18 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए गुरुवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।