2 साल पहले प्लैटिनम जुबली मनाने वाली सीमेंट कंपनी अपनी ज्यादातर हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इस कंपनी का भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी गहरा नाता है। अब इस कंपनी की कमान सीमेंट बाजार की दिग्गज कंपनी अल्ट्राटेक के पास होगी। अगर यह डील पूरी हो जाती है तो अडानी को एक बार फिर सीमेंट कारोबार में कड़ी टक्कर मिल सकती है।
अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के मालिक कुमार मंगलम बिड़ला ने एन श्रीनिवास की इंडिया सीमेंट में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है। एन श्रीनिवास क्रिकेट फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के भी मालिक हैं, जिसके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी लंबे समय से हैं। इतना ही नहीं महेंद्र सिंह धोनी इंडिया सीमेंट में वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग) भी हैं। धोनी के अलावा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच राहुल द्रविड़ भी इंडिया सीमेंट से जुड़े हुए हैं।
कितनी है बोली?
अल्ट्राटेक ने इंडिया सीमेंट में 32.7 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 3,954 करोड़ रुपये की पेशकश की है। यह मूल्य कंपनी के प्रति शेयर 390 रुपये तय किया गया है। इससे पहले जून में अल्ट्राटेक ने इंडिया सीमेंट के बड़े निवेशक राधाकृष्ण दमानी की भी 23 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इस तरह अल्ट्राटेक ने इस कंपनी में कुल 7,100 करोड़ रुपये में हिस्सेदारी खरीदी है। कंपनी के लिए सबसे ताजा बोली इसके प्रमोटर्स की हिस्सेदारी खरीदने की है, जिसमें ज्यादातर हिस्सा एन श्रीनिवास के परिवार के पास है।
सौदे का क्या होगा असर
इस सौदे के पूरा होने के बाद इंडिया सीमेंट अल्ट्राटेक की सब्सिडियरी के तौर पर काम करेगी और श्रीनिवासन और उनके परिवार को बोर्ड से बाहर होना पड़ेगा। इस सौदे के पूरा होने के बाद अल्ट्राटेक की पहुंच दक्षिण भारत में भी बढ़ेगी। फिलहाल अल्ट्राटेक दक्षिणी क्षेत्र में संघर्ष कर रही है, लेकिन सौदा पूरा होने के बाद कंपनी की पहुंच आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और तेलंगाना में और बढ़ेगी।
सीमेंट बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
अल्ट्राटेक के इस कदम से ठीक पहले अडानी ग्रुप ने भी पन्ना सीमेंट को खरीदने के सौदे की पुष्टि की है। इससे सीमेंट बाजार में अडानी ग्रुप और बिड़ला ग्रुप के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ने वाली है। क्षमता के लिहाज से देखा जाए तो अल्ट्राटेक देश की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी है। इसकी क्षमता 15.3 करोड़ टन सालाना है, जिसे कंपनी ने साल 2027 तक बढ़ाकर 20 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है। दूसरे नंबर पर अडानी ग्रुप की अंबुजा-एसीसी है, जिसकी क्षमता 8.9 करोड़ टन सालाना है। श्री सीमेंट भी 5 करोड़ टन की क्षमता के साथ तीसरे नंबर पर है। डालमिया भारत की क्षमता 4.7 करोड़ टन और जेके सीमेंट की क्षमता 2.2 करोड़ टन सालाना है।