संयुक्त अरब अमीरात में बांग्लादेशियों ने अपनी सरकार के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर विशाल जुलूस भी निकाला। इस मामले में यूएई सरकार ने सख्त कदम उठाया है।
दुबई: संयुक्त अरब अमीरात की एक अदालत ने यहां अपने देश की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दर्जनों बांग्लादेशियों को कारावास की सजा सुनाई है। इनमें से तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सरकारी मीडिया ने सोमवार को इसकी सूचना दी। सरकारी समाचार एजेंसी WAM की खबर के अनुसार, अबू धाबी की संघीय अपील अदालत ने रविवार को 53 बांग्लादेशियों को 10-10 साल कारावास, एक बांग्लादेशी को 11 साल कारावास और तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सजा पूरी होने के बाद इन बांग्लादेशियों को देश से निर्वासित करने का भी आदेश दिया है।
सड़कों पर निकाला जुलूस
WAM ने बताया, “अदालत ने गवाहों को सुना, जिन्होंने पुष्टि की कि बांग्लादेश सरकार के फैसले के खिलाफ आरोपी बड़ी संख्या में एकत्र हुए और यूएई की कई सड़कों पर विशाल जुलूस निकाला।” यूएई के अधिकारियों ने शनिवार को गिरफ्तार बांग्लादेशियों की जांच करने और उनके मामलों की सुनवाई में तेजी लाने का आदेश दिया। यूएई में राजनीतिक पार्टी या श्रमिक संघ बनाना प्रतिबंधित है और कानून काफी हद तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करता है।
यूएई में भी हुआ विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश सरकार ने 1971 के मुक्ति संग्राम में मुक्ति वाहिनी के सदस्यों के परिजनों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान किया था, जिसके खिलाफ दक्षिण एशियाई देश में कई दिनों तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद यूएई में भी विरोध प्रदर्शन हुए। बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को आरक्षण की सीमा घटाकर सात प्रतिशत कर दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को प्रदर्शनकारियों की आंशिक जीत माना जा रहा है।