बदलते दौर में किसान भी तकनीक का सहारा लेकर आधुनिक तरीकों से काम करते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही नजारा मेरठ के राजपुरा गांव में भी देखने को मिल रहा है। यहां के एक युवा किसान ने अपने ट्रैक्टर को एसी और रिमोट कंट्रोल से मॉडिफाई किया है। अब वह खेतों में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच एसी ट्रैक्टर में बैठकर आसानी से जुताई और अन्य काम कर लेता है। यहां तक कि अगर उसे किसी रिश्तेदार के यहां भी जाना होता है तो वह अपने ट्रैक्टर से ही जाता है। एसी ट्रैक्टर की पूरी कहानी आप तक पहुंचाने के लिए लोकल-18 की टीम ने युवा किसान गुरदीप से बात की।
ट्रैक्टर को मॉडिफाई करने में आने वाला खर्च
युवा किसान गुरदीप सिंह ने लोकल-18 को बताया कि किसानों को खेतों की जुताई और अन्य कामों के लिए धूप और उमस में घंटों खेतों में रहना पड़ता है। ऐसे में भीषण गर्मी के बीच पेड़ ही उनका सहारा होते हैं। बारिश के मौसम में पेड़ भी काम नहीं आते। इन बातों को ध्यान में रखते हुए उसने सबसे पहले अपने ट्रैक्टर में एक केबिन तैयार करवाया और उसी केबिन में एसी लगवाया। इस तरह यह ट्रैक्टर एक लाख रुपये में अपडेट हो गया।
गुरदीप का कहना है कि पहले वह ट्रैक्टर को सिर्फ 5 से 6 घंटे ही चला पाते थे। अब उन्हें गर्मी, सर्दी और बारिश में भी 12 से 14 घंटे तक इसे चलाने में कोई दिक्कत नहीं होती। उनके दोस्त भी इस ट्रैक्टर पर उनके साथ आराम से बैठते हैं।
घर पर ही किया मॉडिफाई
गुरदीप का कहना है कि उन्हें ट्रैक्टर में एसी लगवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। किसी भी मैकेनिक को नहीं पता था कि ट्रैक्टर में एसी कैसे लगाया जाता है। ऐसे में उन्होंने गांव से ही एक मैकेनिक को बुलाया। इसके बाद उन्होंने घर पर ही इस एसी को ट्रैक्टर में फिट करवा लिया। उनका कहना है कि एसी की सेटिंग से लेकर तार कहां से जोड़ने हैं। उस बारे में भी उन्होंने मैकेनिक को पूरी जानकारी दी। जिसके बाद इस ट्रैक्टर को अपडेट किया गया। अब पिछले 8 महीने से वह लगातार इस एसी ट्रैक्टर से खेतों में काम करते हैं।
कंप्यूटर साइंस में कर रहे हैं बीटेक की पढ़ाई
आपको बता दें कि ट्रैक्टर को अपडेट करने वाले गुरदीप सिंह कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं और खेती-बाड़ी में अपने परिवार की मदद भी करते हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई का बेहतर इस्तेमाल कर अपने ट्रैक्टर की तस्वीर ही बदल दी है। गुरदीप कहते हैं कि युवाओं को कृषि क्षेत्र से भी जुड़े रहना चाहिए। युवाओं को अपनी शिक्षा और प्रतिभा से बड़े बदलाव करने चाहिए ताकि किसानों को भी फायदा मिल सके।