भारत-चीन सीमा विवाद में दोनों देशों के बीच एक खास मुद्दे पर सहमति बन गई है। भारत और चीन जल्द ही सीमा से अपनी सेनाएं हटाएंगे। विदेश मंत्री जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच आसियान में हुई बैठक में कुछ मुद्दों पर गहन चर्चा के बाद भारत सरकार ने यह खुलासा किया है।
भारत सरकार ने कहा है कि भारत और चीन लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध के कारण विवादित सीमा पर तैनात हजारों सैनिकों को तुरंत हटाने के लिए काम करने पर सहमत हुए हैं। दरअसल, यह सीमा रेखा पश्चिम में लद्दाख से लेकर भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश तक चीनी और भारतीय इलाकों को अलग करती है, जिस पर चीन अपना पूरा हक जताता है।
Met with CPC Politburo member and FM Wang Yi in Vientiane today.
Continued our ongoing discussions about our bilateral relationship. The state of the border will necessarily be reflected on the state of our ties.
Agreed on the need to give strong guidance to complete the… pic.twitter.com/pZDRio1e94
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 25, 2024
भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने लाओस में दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ की बैठकों के दौरान गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर बल दिया, जो दोनों एशियाई दिग्गजों द्वारा साझा की जाने वाली लंबी हिमालयी सीमा है।
चार साल पहले क्या हुआ था जिससे स्थिति बिगड़ गई
आपको बता दें कि जुलाई 2020 में सैन्य झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिकों और चार चीनी सैनिकों के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए थे। यह बीहड़ पहाड़ी क्षेत्र में लंबे समय तक चलने वाले गतिरोध में बदल गया, जहाँ दोनों पक्षों ने तोपखाने, टैंक और लड़ाकू विमानों के साथ-साथ हज़ारों सैन्य कर्मियों को तैनात किया।
भारत और चीन दोनों ने पैंगोंग त्सो, गोगरा और गलवान घाटी के उत्तरी और दक्षिणी तट पर कुछ क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुला लिया है, लेकिन कई स्थानों पर अतिरिक्त सैनिकों को बनाए रखना जारी रखा है। भारत सरकार के बयान के अनुसार, दोनों विदेश मंत्रियों ने ‘जितनी जल्दी हो सके सैनिकों को पूरी तरह से वापस बुलाने’ और ‘जितनी जल्दी हो सके काम करने’ की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सीमा पर शांति जरूरी है।
चार साल से बिगड़े संबंधों को सुधारने की नई कोशिश
जयशंकर ने अपने शुरुआती भाषण में कहा कि पिछले चार सालों से सीमा मुद्दों ने भारत-चीन संबंधों पर ‘छाया’ डाली है, बावजूद इसके कि दोनों पक्षों ने इन्हें सुलझाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। वहीं, चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, वांग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों के साथ-साथ अन्य देशों के लिए भी फायदेमंद है।