हर साल टैक्स बचाने के लिए करदाता होम लोन, मकान का किराया और अन्य निवेश करते हैं और आईटीआर में इसकी जानकारी देकर टैक्स बचाते हैं। हालांकि, टैक्स बचाने के और भी कई तरीके हैं लेकिन ज्यादातर लोग निवेश आदि के बारे में जानते हैं। यहां निवेश करें या इस खर्च की रसीद दिखाएं, टैक्स बचेगा। आयकर अधिनियम-1961 में कई धाराओं के तहत टैक्स बचाया जा सकता है। इनमें 80सी, 80डी, 80ईई, सेक्शन 24, सेक्शन 80ईईबी, 80जी, 80जीजी, 80टीटीए आदि शामिल हैं। हम आपको सेक्शन 80डी के तहत मिलने वाली एक छूट के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसके बारे में ज्यादातर करदाताओं को जानकारी नहीं है। अगर आपसे कहा जाए कि नियमित मेडिकल चेकअप के जरिए भी टैक्स बचाया जा सकता है, तो क्या आप यकीन करेंगे? लेकिन, यह सच है।
आयकर की धारा 80डी के तहत प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप के जरिए आप टैक्स बचा सकते हैं। सरकार ने नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक करने के लिए 2013-14 में प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप छूट की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य किसी भी बीमारी की पहचान करना और नियमित स्वास्थ्य जांच के जरिए शुरुआती दौर में ही बीमारियों को रोकना है। सवाल यह है कि इसके जरिए हम टैक्स छूट का लाभ कैसे उठा सकते हैं, आइए जानते हैं।
5000 रुपये तक टैक्स की बचत
सेक्शन 80D में इस प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप में किए गए किसी भी भुगतान पर 5,000 रुपये की कटौती शामिल है. यह कटौती, 25,000 रुपये/50,000 रुपये की कुल सीमा के भीतर होगी. इस कटौती का दावा व्यक्ति स्वयं के मेडिकल चेकअप, अपने जीवनसाथी, आश्रित बच्चों या माता-पिता के लिए भी कर सकता है. प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप के लिए भुगतान नकद में किया जा सकता है.