नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के लिए शुक्रवार का दिन उस समय बुरी खबर लेकर आया, जब उनकी सरकार संसद में विश्वास मत हार गई। अब उन्हें 19 महीने सत्ता में रहने के बाद पद छोड़ना होगा। दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अगुवाई वाले सीपीएन-यूएमएल गठबंधन द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद प्रचंड को विश्वास मत का सामना करना पड़ा। गठबंधन ने सहमति जताई है कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेता केपी ओली नए प्रधानमंत्री होंगे।
25 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री पद संभालने के डेढ़ साल के भीतर प्रचंड के लिए यह पांचवां विश्वास मत था। विश्वास मत जीतने के लिए उन्हें 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 वोटों की जरूरत थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
फिलहाल सदन में नेपाली कांग्रेस की 89 सीटें हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं। इनकी संयुक्त ताकत 167 है, जो निचले सदन में बहुमत के लिए जरूरी 138 सीटों से कहीं ज्यादा है। प्रचंड की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के पास 32 सीटें हैं।
नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने के फैसले का बचाव करते हुए ओली ने बुधवार को कहा कि दोनों दलों की साझेदारी के जरिए हाशिये पर खड़ी पार्टियों और उनके असंगत कदमों को परास्त करने की जरूरत है।
नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पहले ही ओली को अगले प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन दे दिया है। दोनों दलों ने कहा कि वे राष्ट्रीय हितों की रक्षा और नेपाल को समृद्ध तथा नेपाली लोगों की खुशहाली के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं।