बांग्लादेश में अराजकता के लिए वहां की सबसे बड़ी इस्लामी राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी जिम्मेदार है। वे शुरू से ही छात्र आंदोलन में मौजूद थे और उन्हें भड़काने का काम कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा ने सोमवार को न्यूज18 से बातचीत में यह राय जाहिर की। उनसे पूछा गया कि लोग बांग्लादेश की स्थापना करने वाले शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति क्यों तोड़ रहे हैं, जबकि उनका गुस्सा शेख हसीना सरकार के खिलाफ था।
इसके जवाब में उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में अभी जो कुछ भी हो रहा है, वह देश की जमात-ए-इस्लामी पार्टी की वजह से है, जो पाकिस्तान का समर्थन करती है। वे उस समय भी पाकिस्तान की मदद कर रहे थे, जब शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश बना रहे थे। उन्होंने पाकिस्तानी सेना की मदद की थी।” कमर आगा ने कहा, “यह वही समूह है जिसने आज एक बार फिर बांग्लादेश को जकड़ लिया है। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत छात्रों ने की थी, लेकिन ये इस्लामी लोग शुरू से ही उनके बीच मौजूद थे। फिर उनके सहयोगी जो आतंकवादी हैं…हूजी जैसे संगठन वहां तोड़फोड़ का काम कर रहे थे और संभव है कि उन्होंने शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़ा हो।”
उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में सभी धार्मिक संगठन न केवल भारत विरोधी हैं, बल्कि वे शेख मुजीबुर रहमान, उनकी बेटी शेख हसीना और देश की सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग के भी खिलाफ हैं। इस बीच, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमान ने कहा कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और अंतरिम सरकार शासन की बागडोर संभालेगी।
बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा है कि उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की है और उन्हें बताया है कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी लेगी। हालांकि, उनके देश छोड़ने के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रविवार से सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।