सूरत शहर में एक पिता ने अपने कलेजे के टुकड़े का अपहरण कर लिया। अपहरण की वजह जानकर पुलिस भी हैरान है क्योंकि ये वजह चौंकाने वाली है। जानिए पूरी कहानी-
सूरत शहर में एक पिता ने अपने कलेजे के टुकड़े का अपहरण कर लिया और इसकी वजह ऐसी है कि जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान है। दरअसल कर्ज में डूबे मास्टरमाइंड पिता ने अपने ससुर से फिरौती वसूलने के लिए अपनी बहन के साथ साजिश रचकर बेटे की ही किडनैपिंग का पूरा प्लान तैयार किया था। 36 घंटे की मेहनत के बाद पुलिस ने पर्दाफाश कर तीन लोगो को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक सूरत के डिंडोली इलाके में रहने वाले ताराचंद पाटिल ने पुलिस को बताया कि उनके 5 साल के बच्चे विजय पाटिल का किसी ने अपहरण कर लिया है। पुलिस ने बच्चे का अपहरण का मामला दर्ज कर मासूम की तलाश शुरू कर दी। डिंडोली पुलिस की मदद के लिए सूरत क्राइम ब्रांच ने भी मासूम की तलाश करना शुरू कर दिया। इलाके से 5 साल के बच्चे का अपहरण 6 जुलाई यानी शनिवार की शाम को हुआ था, जिसकी एफआईआर दर्ज की गई।
एफआईआर के मुताबिक पिता ताराचंद पाटिल ने सात तारीख सुबह 10 बजे पुलिस को बताया कि मेरे बच्चे का अपहरण किया गया है। रथयात्रा में पुलिस बंदोबस्त में थी फिर भी पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने बच्चे को ढूंढने के लिए अलग अलग टीम बनाकर सीसीटीवी चेक करना शुरू किया। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के साथ खबरी की टीम को भी एक्टिव किया। पुलिस ने मासूम को ढूंढने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। 36 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने नंदुरबार से ट्रेन से बच्चे को ढूंढ लिया। पुलिस ने खुलासा किया की बच्चे के अपहरण में उनके पिता, बुआ और बुआ के दोस्त शामिल हैंष पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को कैसे शक हुआ
मासूम विजय को खोजने के लिए पुलिस एड़ी चोटी का जोर लगा रही थी, तब एक मासूम सीसीटीवी में देखा गया तो उनके पिता ने कहा कि ये मेरा ही बच्चा है। पुलिस आगे आगे बच्चे को फॉलो करती गई और पुलिस ने मासूम को ढूंढ लिया तो मासूम के पिता ने कहा कि ये मेरा बच्चा नहीं है। तब पुलिस को उनके ऊपर शक हुआ कि इस मामले में बच्चे के बाप का ही हाथ है। पुलिस ने उनसे कड़ी पूछताछ की तो उसने कबूल कर लिया कि बच्चे को मैने अपनी बहन के घर रखा है।
पुलिस ने फौरन उसकी बहन के फोन को सर्विलान्स पर रखा तो वो फोन नंदुरबार के पास होने का पता चला। पुलिस की एक टीम फौरन नंदुरबार पहुंची तो सर्विलान्स से पता चला कि ट्रेन में बच्चा सूरत की ओर आ रहा है। पुलिस की टीम ने ट्रेन में बच्चे को उसके कपड़ों की वजह से पहचान लिया और बुआ और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर सही सलामत बच्चे को सूरत ले आए।
पुलिस पूछताछ में पता चला की बच्चे के पिता पर 9 लाख रुपये का कर्ज हो गया था और उसकी पत्नी बार बार उससे नया घर लेने के लिए दबाव बढ़ा रही थी। तब मासूम के पिता ने ससुर से पैसे वसूलने के लिए षड्यंत्र रचा और उसमें अपनी बहन के साथ उसके दोस्त को भी शामिल कर लिया। मासूम के पिता ताराचंद ने अपने बच्चे को करण को सौंप दिया। करण बच्चे को ट्रेन में बैठाकर नंदुरबार उसकी बुआ के घर गया।
ताराचंद को उम्मीद थी कि पुलिस ओर परिवार उस पर शक नहीं करेगी। लेकिन उसकी साजिश नाकाम रही। गलत बच्चे की पहचान कर उसने गलती की ओर पुलिस के शक के दायरे में आ गया और उनकी साजिश का पर्दाफाश हो गया।