भारतीय शेयर बाजार में आज काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। पहले बाजार ने ऑल टाइम हाई बनाया और फिर तेज गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स में इंट्राडे में 800 अंकों की गिरावट आई। निफ्टी में भी 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई। खबर लिखे जाने तक बीएसई सेंसेक्स 648 अंकों की गिरावट के साथ 79,702.73 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह निफ्टी 50 175 अंकों की गिरावट के साथ 24,258.00 पर कारोबार कर रहा था। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने पहले अपना ऑल टाइम हाई लेवल 80,481.36 और निफ्टी ने 24,461.05 को छुआ। फिर भारी बिकवाली के चलते सेंसेक्स 79,435.76 और निफ्टी 24,141.80 पर फिसल गया।
बाजार विशेषज्ञ मुनाफावसूली, ऊंचे वैल्यूएशन, अमेरिका में ब्याज दरों में कमी न होने की संभावना, चार्ट पर बाजार के ओवरबॉट जोन में पहुंचने और निवेशकों द्वारा कंपनियों के नतीजे देखने के बाद ही बाजार में निवेश करने की प्रवृत्ति को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। सभी सेक्टर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा गिरावट ऑटो, मीडिया, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में देखी जा रही है।
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30 में से 29 शेयरों में गिरावट
आज बीएसई सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से सिर्फ मारुति सुजुकी का शेयर दोपहर 2 बजे हरे निशान में कारोबार कर रहा था। बाकी 29 शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। आज बीएसई सेंसेक्स में शामिल महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीसीएस, टाटा स्टील, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचसीएल टेक और विप्रो के शेयरों में तेज गिरावट आई है।
क्यों आई गिरावट?
बाजार के अचानक ऑल टाइम हाई से गिरने के पीछे मुनाफावसूली, हाई वैल्यूएशन, अमेरिका में ब्याज दरों में कमी न होने की संभावना, चार्ट पर बाजार का ओवरबॉट जोन में पहुंचना और निवेशकों का कंपनियों के नतीजों को देखकर ही बाजार में पैसा लगाने की प्रवृत्ति है।
प्रॉफिट बुकिंग
निफ्टी ने साल 2024 में अब तक 12 फीसदी रिटर्न दिया है। स्मॉल और मिडकैप शेयरों ने इससे भी ज्यादा रिटर्न दिया है। इस तेजी के बाद कई निवेशक कुछ मुनाफा कमाने के मौके तलाश रहे थे और आज उन्होंने मुनाफावसूली की है। इसके चलते बाजार औंधे मुंह गिर गया।
हाई वैल्यूएशन
सेंसेक्स के 80,000 पर पहुंचने के बाद कई लोगों का मानना है कि अब भारतीय शेयर बाजार ओवरवैल्यूड हो गया है। कई शेयर हाई वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहे हैं। दलाल स्ट्रीट के दिग्गज इस तेजी को बुलबुला नहीं मान रहे हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि अब ‘झाग’ जरूर बढ़ गया है। इस धारणा ने भी बाजार में अचानक हुई बिकवाली में योगदान दिया है।
पहली तिमाही के नतीजों का इंतजार
निवेशकों को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के नतीजों का भी इंतजार है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि पहली तिमाही में निफ्टी 50 इंडेक्स की शुद्ध आय सालाना आधार पर स्थिर रह सकती है और तिमाही आधार पर इसमें 17 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
ब्याज दरों पर अनिश्चितता
ब्याज दरों में कटौती को लेकर फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान से भी बाजार में बिकवाली बढ़ी। जेरोम पॉवेल ने बीती रात कहा था कि जब तक यह भरोसा न हो जाए कि मुद्रास्फीति स्थायी रूप से 2 फीसदी की ओर बढ़ रही है, तब तक ब्याज दरों में कटौती करना उचित नहीं है।