प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21 और 22 अगस्त को पोलैंड से 23 अगस्त को यूक्रेन यात्रा से माहौल गरमा गया है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के बाद ही नहीं, बल्कि 30 साल बाद किसी भारतीय पीएम की यह पहली यात्रा है। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 30 साल बाद यूक्रेन का दौरा करने जा रहा है। इस बीच रूस ने कहा है कि वह पूर्वी यूक्रेन में आगे बढ़ रहा है और यूक्रेन द्वारा उसके घर में अंदर तक घुसने के बाद अलग रणनीति के साथ काम कर रहा है, वहीं यूक्रेनी सेना भी तेजी से रूसी सेना को खदेड़ने में लगी हुई है।
रूस ने अलग से कुर्स्क और दो अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में नए सैन्य समूहों के गठन की घोषणा की है। रूस ने कहा कि उसकी सेनाओं ने पूर्वी यूक्रेन में लॉजिस्टिक हब न्यूयॉर्क पर नियंत्रण कर लिया है और उसने पूरे डोनेट्स्क क्षेत्र पर कब्जे के लिए आगे का अभियान शुरू कर दिया है। रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय अधिकारी, सैन्य कमांडर और रक्षा मंत्रालय चौबीसों घंटे मिलकर काम कर रहे हैं।
दूसरी ओर, अगस्त की शुरुआत में यूक्रेन ने रूस में अंदर तक घुसपैठ कर अपना सैन्य कार्यालय भी खोल लिया था। तब ज़ेलेंस्की ने कहा था कि वे पुतिन को बातचीत की मेज पर लाने के लिए अंदर तक घुसपैठ करना चाहते हैं। अब यूक्रेनी सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। यूक्रेन के शीर्ष कमांडर ओलेक्सांद्र सिरस्की ने मंगलवार को कहा कि उनकी सेना रूस में 28-35 किलोमीटर (17-22 मील) तक घुस गई है और 93 बस्तियों सहित 1,263 वर्ग किलोमीटर (488 वर्ग मील) क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, युद्ध के मामलों और रूस-यूक्रेन युद्ध पर कड़ी नज़र रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन ने किसी तरह ज़ेलेंस्की की सेना को फंसा लिया है। (रॉयटर्स से इनपुट के साथ)