मुंबई में उपनगरीय रेल प्रणाली 3,200 सेवाएं संचालित करती है, जो प्रतिदिन 75 लाख से अधिक यात्रियों को ले जाती है। उपनगरीय और लंबी दूरी की रेल सेवाओं को अलग करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
भारतीय रेलवे ने अगले पांच सालों में मुंबई के लिए एक खास योजना बनाई है। रेलवे ने अगले पांच सालों में मुंबई में 250 नई उपनगरीय सेवाएं जोड़ने, रेल नेटवर्क को नया रूप देने और देश की वित्तीय राजधानी में रेल यात्रा को आसान बनाने के लिए नए मेगा टर्मिनल बनाने की योजना बनाई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे मुंबई और उसके उपनगरीय इलाकों में परिवहन को बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत ट्रेनों की ‘क्रॉस मूवमेंट’ को कम करने के लिए उपनगरीय नेटवर्क को फिर से डिजाइन करने की योजना बना रहा है।
दो ट्रेनों के बीच की दूरी कम करने की भी तैयारी
खबरों के मुताबिक, रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे दो ट्रेनों के बीच की दूरी को मौजूदा 180 सेकंड से घटाकर 150 सेकंड करने के लिए नई तकनीक लागू करने की भी योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि उपनगरीय और लंबी दूरी की रेल सेवाओं को अलग करने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। मुंबई में उपनगरीय रेल प्रणाली 3,200 सेवाओं का संचालन करती है, जिनमें रोजाना 75 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं।
बजट में रेलवे के लिए 2,62,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट 2024 में रेलवे के लिए रिकॉर्ड 2,62,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस बजट का एक बड़ा हिस्सा यानी 1,08,000 करोड़ रुपये सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए आवंटित किए गए हैं। बजट में अलग-अलग राज्यों को धन आवंटित किया गया है। उदाहरण के लिए, वर्ष 2024-25 के बजट में उत्तर प्रदेश को रेल अवसंरचना के विकास के लिए 19,848 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मध्य प्रदेश को रेल अवसंरचना के विकास के लिए रिकॉर्ड 14,738 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पश्चिम बंगाल के लिए रिकॉर्ड 13,941 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बिहार के लिए 10,033 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। झारखंड को 7,302 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।