केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में कई अहम जानकारियां पेश कीं। वैष्णव ने यह भी बताया है कि बुलेट ट्रेन में किस श्रेणी की बोगियां होंगी।
भारत सरकार बुलेट ट्रेन परियोजना पर जोर-शोर से काम कर रही है। शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में कई जानकारियां साझा कीं। अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। वैष्णव ने बताया है कि 320 फिलर बनाने का काम पूरा हो चुका है। समुद्र के अंदर करीब 50 मीटर गहरी सुरंग बनाने और स्टेशन बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है।
किस श्रेणी की बोगियां होंगी?
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे ई श्रीधरन ने मेट्रो में बहुत अच्छी व्यवस्था की कि श्रेणी का कोई वर्गीकरण न हो। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए बुलेट ट्रेन में दो श्रेणियां होंगी, पहली सामान्य और दूसरी विशेष श्रेणी। वंदे भारत में भी दो श्रेणियां ही रखी गई थीं। वैष्णव ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सिर्फ एक श्रेणी की है क्योंकि जब हम अपने जैसे समृद्ध समाज की कल्पना करते हैं तो उसमें श्रेणियां नहीं आतीं।
जापान के सहयोग से हो रहा है काम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जापान के सहयोग से भारत में पहली बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम शुरू हो गया है। इस काम के दौरान काम करने के तरीकों और तकनीक के बारे में भी अच्छी जानकारी मिली है। भारत की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलेगी और यह काम जापान के सहयोग से किया जाएगा। जापान ने 1969 में बुलेट ट्रेन पर काम शुरू किया था और आज वह इसमें महारत हासिल कर चुका है।
15-20 मिनट में 100 किलोमीटर का सफर
अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि दुनिया की लगभग सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने अपने बड़े शहरों को बुलेट ट्रेन से जोड़ दिया है। बुलेट ट्रेन 4-5 बड़े शहरों की अर्थव्यवस्था को जोड़ती है और बड़ी अर्थव्यवस्था बनाती है। वैष्णव ने कहा कि परियोजना जटिल है लेकिन इसका डिजाइन सावधानी से तैयार किया जा रहा है और काम तेजी से चल रहा है। इससे 100 किलोमीटर का सफर 15-20 मिनट या आधे घंटे में हो जाता है जो उपयोगी है।