पूजा खेडकर पर लगे आरोपों के बाद महाराष्ट्र में उनकी ट्रेनिंग रोक दी गई है। उन्हें वापस मसूरी स्थित अकादमी में भेज दिया गया है। पुणे में बतौर ट्रेनी काम करते हुए पूजा खेडकर अपनी हरकतों की वजह से विवादों में घिर गई थीं। उन पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के जरिए यूपीएससी परीक्षा पास करने का आरोप है। यह भी पता चला है कि उन्होंने अलग-अलग जगहों और अलग-अलग पतों से दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। इस बीच एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि अकेले महाराष्ट्र से 44 लोगों ने दिव्यांग प्रमाण पत्र के जरिए सिविल सेवा में नौकरी पाई है।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 2015 से 2023 के बीच 44 उम्मीदवारों ने दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर सिविल सेवा में नौकरी पाई है। अब इसकी सूची भी सामने आ गई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर इस तरह से प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर उम्मीदवार सिविल सेवा में नौकरी पा रहे हैं तो ईमानदारी से पढ़ाई करने वाले उम्मीदवारों का क्या होगा? क्या केंद्र सरकार इन सभी संदिग्ध नामों की जांच करेगी? ऐसा सवाल उठ रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि संदिग्ध विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर अधिकारी बनने वाले इन 44 लोगों की सूची में कई पूर्व सरकारी अधिकारियों के बच्चे भी शामिल हैं।
पूजा खेडकर की उम्र तीन साल में एक साल बढ़ गई
पूजा खेडकर ने 2020 में अपनी उम्र 30 साल दिखाई है और 2023 में उन्होंने अपनी उम्र 31 साल दिखाई है। दूसरे शब्दों में कहें तो पूजा खेडकर की उम्र तीन साल में सिर्फ 1 साल बढ़ी है। पूजा खेडकर ने साल 2020 में डॉक्टर पूजा दिलीपराव के नाम से आवेदन किया था, जिसमें उन्होंने अपनी उम्र 30 साल दिखाई थी। इसलिए 2023 में उनका नाम बदलकर मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर कर दिया गया और उनकी उम्र 31 साल दिखाई गई।