Friday, November 22, 2024
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पीएम मोदी का किसानों के प्रति प्रेम, भारी बारिश के बीच रद्द नहीं किया कार्यक्रम, छाता लेकर किसानों से मिले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद हाथ में छाता लेकर किसानों से बात की। रविवार को पीएम मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में 61 उच्च उपज वाली फसलों की 109 किस्में जारी कीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में किसानों से बात करने गए तो तेज बारिश होने लगी। अधिकारियों ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि वार्ता रद्द की जा सकती है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वे बारिश के बावजूद किसानों से बात करेंगे। जब बारिश में छाता थामने की बात आई तो पीएम मोदी ने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि वे खुद छाता थामेंगे। इस दौरान पीएम मोदी ने किसानों के लिए छाता थामने की पेशकश भी की।

कृषि क्षेत्र में अनसुंधान और नवाचार पर जोर

पीएम मोदी ने कृषि में अनुसंधान और नवाचार पर अपने जोर को रेखांकित किया। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्रीजी द्वारा गढ़े गए प्रतिष्ठित नारे ‘जय जवान, जय किसान’ और उसके बाद अटल विहारी बाजपेयी द्वारा ‘जय विज्ञान’ के नारे को जोड़ने को याद किया।

पीएम मोदी ने कैसे दिया जय अनुसंधान का नारा?

किसानों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर जोर डाला कि कैसे उन्होंने इस नारे में ‘जय अनुसंधान’ जोड़ा है। इससे अनुसंधान और नवाचार को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है। पीएम मोदी ने कहा कि 109 नई फसल किस्मों का विमोचन कृषि में नवाचार पर उनके ध्यान का एक ठोस परिणाम है, जो अनुसंधान को जमीनी स्तर पर जीवंत बनाता है।

प्राकृतिक खेती अपना रहे किसान- पीएम मोदी

किसानों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान धरती माता के प्रति अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक हैं और स्वेच्छा से कीटनाशकों से दूर हो रहे हैं। प्राकृतिक खेती की ओर यह बदलाव उनके लिए बेहतर परिणाम दे रहा है। पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती को तेजी से अपनाने से महत्वपूर्ण उपलब्धियां मिलने की उम्मीद है।

नए किस्म के बीजों को लेकर पीएम मोदी ने किसानों को दिया सुझाव

पीएम मोदी ने किसानों से पूछा कि क्या वे नई किस्म के बीज का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं या दूसरों द्वारा पहले इस्तेमाल किए जाने का इंतजार करेंगे। पीएम मोदी ने किसानों को यह भी सुझाव दिया कि वे नई किस्म को अपनी जमीन के एक छोटे से हिस्से या चार कोनों में इस्तेमाल करें। अपने प्रयोग के संतोषजनक परिणाम के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।

तीसरे कार्यकाल में तिगुनी गति से होगा काम

पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में तिगुनी गति से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इसका प्रमाण किसानों के लिए हाल ही में की गई पहल है। पीएम मोदी ने इन नई फसल किस्मों को किसानों को समर्पित करते हुए अपार खुशी व्यक्त की है।

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