प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर सकते हैं। आपको बता दें कि यह कार्यक्रम सितंबर महीने में आयोजित किया जाएगा। सोमवार को जारी कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी का भाषण 26 सितंबर की दोपहर के सत्र में होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर सकते हैं। महासभा अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस के कार्यालय की ओर से जारी प्रारंभिक कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई है। सोमवार को जारी कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी का भाषण 26 सितंबर को दोपहर के सत्र में होगा। इसी सत्र में बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और नेपाल के प्रधानमंत्री का भी संबोधन होना है। इस वार्षिक बैठक के लिए विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जुटते हैं। पीएम मोदी वहां शामिल होकर पांचवीं बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर सकते हैं पीएम मोदी
इसके अलावा 2020 में कोविड महामारी के दौरान उन्होंने वर्चुअल माध्यम से उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित किया था। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जाएंगे। पिछले साल जून में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर वह संयुक्त राष्ट्र गए थे, हालांकि सितंबर में वह उच्च स्तरीय बैठक में शामिल नहीं हुए थे। महासभा की वार्षिक बैठक में विभिन्न देश अंतरराष्ट्रीय नीतियां तय करते हैं और भाषणों में घटनाक्रमों पर टिप्पणी करते हैं, जिस पर कड़ी नजर रखी जाती है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण काम पर्दे के पीछे होता है, जिसके तहत नेता दर्जनों द्विपक्षीय बैठकें करते हैं और विभिन्न मंचों में शामिल होते हैं।
मॉस्को और ऑस्ट्रिया का कर चुके हैं दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया है। बता दें कि इससे पहले बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रिया के दौरे पर पहुंचे थे। यहां ऑस्ट्रिया में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और वियना में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर भी मौजूद रहे, जिन्होंने फेडरल चांसलरी में अतिथि पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए। बता दें कि पीएम मोदी रूस में दो दिन बिताने के बाद ऑस्ट्रिया पहुंचे थे। उनका स्वागत ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शेलेनबर्ग ने किया।