डेलॉइट के ‘भारत आर्थिक परिदृश्य’ के अगस्त महीने के अपडेट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2024-25 में कृषि उत्पादकता में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार सृजन और विनिर्माण क्षेत्र के लिए की गई कई पहलों से उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप पर 15-31 जुलाई पखवाड़े के लिए अपने द्वि-साप्ताहिक भारत समाचार पत्र के हिस्से के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था पर बिग बैंग नंबर जारी किए। इसमें उन्होंने दिखाया कि भारत का मार्केट कैप रिकॉर्ड 5.5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। वहीं, वित्तीय सलाहकार फर्म डेलॉइट ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था की जीडीपी वृद्धि दर 7 से 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, मजबूत विनिर्माण, मजबूत बैंक बैलेंस शीट और बढ़े हुए निर्यात के कारण संभव हो सकता है।
एसएमई में 20.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा हुईं
वहीं, भारतीय एमएसएमई ने 4 साल में 20.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा की हैं, जबकि देश में 39 फीसदी एमएसएमई अब महिलाओं के स्वामित्व में हैं, ऐसा भी दिखाया। इसके साथ ही बताया गया है कि देश में 1.4 लाख मान्यता प्राप्त स्टार्टअप 15.5 लाख नौकरियां पैदा कर रहे हैं। इसके साथ ही पिछले छह वित्तीय वर्षों में भारत में रोजगार 35 प्रतिशत बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी पीछे नहीं
इसके साथ ही इसमें जारी आंकड़ों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (औपचारिक और अनौपचारिक संस्थान) में 2017-18 से 2022-23 तक 85 लाख रोजगार के अवसरों में वृद्धि देखी गई। वहीं, भारत का निर्यात 5.5 प्रतिशत बढ़कर 21.2 बिलियन डॉलर हो गया, जिससे 300 मिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष हुआ। इस वित्तीय वर्ष में अब निर्यात 800 बिलियन डॉलर से अधिक होने वाला है। भारत में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात जून में 16.9 प्रतिशत बढ़कर 2.82 बिलियन डॉलर हो गया।
व्यापार घाटा भी कम हुआ
इसके साथ ही भारत का व्यापार घाटा मई के 23.78 बिलियन डॉलर से घटकर जून में 20.98 बिलियन डॉलर हो गया। जून 2024 में भारत की बाहरी (एफडीआई) प्रतिबद्धताएं बढ़कर 2.14 बिलियन डॉलर हो गईं, जबकि जून 2023 में यह 1.14 बिलियन डॉलर थी। वहीं, इंडिया इंक ने 2024 में विदेशी बॉन्ड से 32,619 करोड़ रुपये जुटाए। साथ ही, एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 30,772 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके साथ ही, 2024 में भारत का कार्ड भुगतान बाजार 11.3 प्रतिशत बढ़कर 28.4 ट्रिलियन रुपये होने की उम्मीद है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास रिटर्न
डेलॉयट के ‘इंडिया इकोनॉमिक आउटलुक’ के अगस्त अपडेट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2024-25 में कृषि उत्पादकता में सुधार, युवाओं और विनिर्माण क्षेत्र के लिए रोजगार सृजित करने के लिए कई पहलों से आपूर्ति पक्ष में सुधार, मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता खर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। ऐसा खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। रिपोर्ट के अनुसार, यह भरोसा बरकरार है, क्योंकि भारत ने वित्त वर्ष 2023-2024 में लगातार तीसरे साल सभी उम्मीदों से बढ़कर 8.2% की वृद्धि दर्ज की है। मजबूत वृद्धि के बीच, ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में नए खर्च पैटर्न उभरे हैं।