Friday, October 18, 2024
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6 महीने में बदल जाएगा 60 साल पुराना इनकम टैक्स कानून! खत्म हो जाएंगे मुकदमे, जानिए और क्या मिलेंगी राहत

आने वाले दिनों में आयकर से जुड़े नियम-कायदे आसान हो जाएंगे। क्योंकि, सरकार आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा कर रही है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का काम 6 महीने की तय समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा था कि देश के प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने के लिए इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने यह काम छह महीने में पूरा करने की बात कही थी।

आयकर विभाग को नियंत्रित करने वाले सीबीडीटी के प्रमुख अग्रवाल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “हमारे पास एक महत्वपूर्ण कार्य है जो आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा है। इसका उद्देश्य मुकदमेबाजी को कम करना और करदाताओं को कर निश्चितता प्रदान करना है।”

कर कानून को सरल बनाने का काम शुरू

अग्रवाल ने कहा कि सीबीडीटी ने इसके लिए मिशन मोड में काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह कार्य चुनौतीपूर्ण और परिवर्तनकारी होने के बावजूद तय समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आयकर विभाग के 165वें वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आश्वस्त किया कि समीक्षा तय समय सीमा के भीतर पूरी कर ली जाएगी।

लोगों को पसंद आ रही आईटीआर की नई व्यवस्था

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था लोगों को पसंद आ रही है और करीब 72 फीसदी करदाताओं ने इसे चुना है। रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई तक 58.57 लाख लोगों ने पहली बार आयकर रिटर्न जमा किया। उन्होंने कहा कि संपर्क रहित व्यवस्था के तहत अब तक कुल 6.76 लाख आयकर आकलन पूरे किए जा चुके हैं, जबकि जुलाई तक 2.83 लाख अपीलों का अंतिम निपटारा किया गया। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह के मामले में प्रदर्शन ‘संतोषजनक’ रहा है क्योंकि वित्त वर्ष 2023-24 में 19.58 लाख करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया, जो एक साल पहले की तुलना में 17.70 प्रतिशत अधिक है।

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