केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश हो गया है। इसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं मिला है, लेकिन कुछ ऐसी घोषणाएं की गई हैं, जिससे बिहार काफी खुश है। बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के पैकेज के अलावा विभिन्न मदों में 58 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि दी जाएगी। पहले बजट में बिहार के अंदर सड़कों का जाल बिछाने के लिए 26000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जबकि पीरपैंती पावर प्लांट के लिए 21 हजार करोड़ की घोषणा की गई है। जबकि बाढ़ प्रबंधन के लिए 11 हजार 500 करोड़ की परियोजना की भी घोषणा की गई है। इसके साथ ही पर्यटन पैकेज की भी घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि पटना और पूर्णिया के बीच एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। इसके लिए भी धनराशि की घोषणा की गई। इसके अलावा बक्सर और भागलपुर के बीच हाईवे और बोधगया से राजगीर वैशाली होते हुए दरभंगा तक हाईवे बनाने की भी घोषणा की गई। इसका फायदा गया, नालंदा और दरभंगा समेत कई जिलों को होगा। वहीं बक्सर में गंगा नदी पर दो लाइन का पुल बनाने की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए भारत सरकार नेपाल के साथ मिलकर पानी की व्यवस्था करेगी। राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए इस बजट में 11500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कोसी इंट्रा स्टेट लिंक और 20 अन्य परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा। कोसी नदी से बाढ़ का सर्वेक्षण किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर बनाकर धार्मिक पर्यटन को विकसित करने की घोषणा की। नालंदा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की गई। इसके लिए केंद्र सरकार सहायता देगी। राजगीर मंदिर का भी विकास किया जाएगा। गर्म पानी के तालाब को सुंदर बनाया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर पर बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी, जिससे पूर्वी क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि केंद्र सरकार बिहार में कई एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और भारत इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करेगी। नया हवाई अड्डा और मेडिकल कॉलेज कहां बनाया जाएगा, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है।