पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अब तक शानदार खेल दिखाया है। उसने 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को हराया और फिर रोमांचक मुकाबले में ब्रिटेन को हराया। सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला जर्मनी से होने वाला है। यह मैच जीतकर भारतीय हॉकी टीम 44 साल बाद फिर से फाइनल में प्रवेश करना चाहेगी। पिछली बार जब भारत ने यह कारनामा किया था, तब कोई भी टीम मुकाबले में नहीं उतरने वाली थी। तब से अब तक काफी कुछ बदल चुका है।
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की नजर स्वर्ण पदक पर है। लीग मैच में शानदार खेल दिखाने के बाद टीम ने क्वार्टर फाइनल मैच भी जीत लिया। ब्रिटेन के खिलाफ शुरुआत में अपने अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास को गंवाने के बाद उसने 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए जीत हासिल की। पूरे भारत की नजर आज रात जर्मनी के खिलाफ खेले जाने वाले फाइनल पर है। क्या भारत एक बार फिर फाइनल में जगह बना पाएगा? क्या टीम 44 साल बाद फिर से स्वर्ण पदक के लिए दावा पेश करेगी?
भारत ने ओलंपिक फाइनल कब खेला था?
भारतीय हॉकी का ओलंपिक में शानदार इतिहास रहा है। एक समय ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम के सामने कोई दूसरी टीम टिक नहीं पा रही थी। 1928 से 1980 के बीच खेले गए ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय टीम के नाम 8 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड है। साल 1980 में आखिरी बार स्वर्ण जीतने के बाद भारत किसी फाइनल में नहीं पहुंचा है।
ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन
ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन की बात करें तो उसने अब तक कुल 8 स्वर्ण, 3 कांस्य और 1 रजत पदक जीता है। भारत ने पहली बार साल 1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उसने 1932, 36, 48, 52, 56, 64 और 1980 में स्वर्ण पदक जीता। साल 1960 में भारतीय टीम ने रजत जबकि 1968, 72 और 2020 में कांस्य पदक जीता।