पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इस समय जेल में हैं, लेकिन अब वे ब्रिटेन से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। आपको यह सुनकर हैरानी हो सकती है, लेकिन वे जेल से ही ऑनलाइन ब्रिटेन से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं। लेकिन यह कोई आम चुनाव नहीं है।
इस्लामाबाद/लंदन: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। अब वह पाकिस्तान की जगह ब्रिटेन से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह सच है। इमरान खान जेल में रहते हुए ब्रिटेन से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन यह कोई आम चुनाव नहीं, बल्कि ब्रिटिश यूनिवर्सिटी का विशेष चुनाव होगा। दरअसल, ऑक्सफोर्ड से शिक्षा प्राप्त करने वाले इमरान खान जेल से ही ऑनलाइन नामांकन दाखिल कर ब्रिटेन स्थित अपने संस्थान के चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। यह जानकारी उनके करीबी सहयोगी और मीडिया रिपोर्ट्स से मिली है।
पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री खान (71) कई मामलों में गिरफ्तार होने के बाद अगस्त 2023 से जेल में हैं। खान को कुछ मामलों में दोषी भी ठहराया गया है, जिसमें अब तक की सबसे लंबी सजा नौ साल की है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। खान ने 1972 में केबल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में अर्थशास्त्र और राजनीति की पढ़ाई की। उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के लिए पहला टेस्ट क्रिकेट मैच खेला और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की। 2005 में खान ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर बने और 2014 तक इस पद पर रहे।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर का चुनाव लड़ेंगे
‘द टेलीग्राफ’ की यूके की खबर के मुताबिक, “इमरान खान पाकिस्तान की जेल की कोठरी से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर का चुनाव लड़ेंगे। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व क्रिकेटर खान 10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं, इसके बावजूद वे ऑनलाइन चुनाव में हिस्सा लेंगे।” अखबार ने खान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सलाहकार और उद्यमी सईद जुल्फी बुखारी के हवाले से कहा, “इमरान खान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर का चुनाव लड़ेंगे क्योंकि जनता की मांग है कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए।” पहली बार चांसलर के लिए चुनाव ऑनलाइन होगा, जबकि पारंपरिक प्रक्रिया में स्नातकों को पूरी शैक्षणिक पोशाक में इस प्रक्रिया में शामिल होना पड़ता है। ब्रिटेन के अखबार ने कहा कि प्रतिष्ठित चांसलर का पद विश्वविद्यालय के स्नातकों को दिया जाता है, जो आमतौर पर नेता होते हैं।
पाकिस्तान के जियो न्यूज से बात करते हुए बुखारी ने पुष्टि की, “इमरान खान इस पद के लिए चुनाव लड़ेंगे। पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री सर टोनी ब्लेयर और बोरिस जॉनसन भी विश्वविद्यालय के चांसलर बनने के उम्मीदवारों में शामिल हैं।” हालांकि, खुद खान या उनकी पार्टी पीटीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। द टेलीग्राफ के अनुसार, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में यह पद 80 वर्षीय लॉर्ड पैटन के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है, जिन्होंने 21 साल तक इस पद पर रहने के बाद पद छोड़ दिया है।