सोमवार का दिन शेयर बाजार के लिए बुरा सपना साबित हुआ। यूरोपीय और एशियाई बाजारों समेत दुनिया के सभी बाजारों में बिकवाली देखने को मिली। भारतीय शेयर बाजार इससे कैसे अछूता रह सकता था। सेंसेक्स में 2200 से ज्यादा अंकों और निफ्टी 50 में करीब 700 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई है। मध्य पूर्व में युद्ध की आशंका और यूएस फेड के फैसले का डर भारतीय बाजारों पर भारी पड़ा। आज शेयर बाजार में ऐसा बड़ा डर देखने को मिला, जो 9 साल पहले देखने को मिला था।
इंडिया VIX को शेयर बाजार में डर का मीटर कहा जाता है। यह एक संकेतक है, जो बाजार में व्याप्त डर को मापता है। यह जितना अधिक होता है, बाजार में गिरावट की संभावना उतनी ही अधिक होती है। अगर यह इससे नीचे होता है, तो इसे शेयर बाजार के शांत होने या धीरे-धीरे ऊपर जाने का संकेत माना जाता है। सोमवार को एक ही दिन में इसमें 52 फीसदी का उछाल आया। इससे पहले 2015 में भी ऐसा ही नजारा बना था। कोरोना महामारी के दौरान भले ही बाजार में तेज गिरावट आई हो, लेकिन VIX एक ही दिन में इतना नहीं उछला था। सोमवार को इंडिया VIX ने 52% की उछाल के साथ 20 का आंकड़ा पार कर लिया। अगस्त 2015 के बाद से इंडेक्स में यह सबसे बड़ी एक दिवसीय उछाल है। मार्केट एक्सपर्ट प्रकाश दीवान ने कहा, “यह सप्ताह कठिन रहने वाला है। और वैश्विक बाजार हमें बता रहे हैं कि हमारे बाजारों के भीतर स्टॉक विशेष गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर होगा।”
500 शेयरों में लोअर सर्किट
सोमवार के कारोबार में बीएसई 500 के कुछ शेयर अपनी लोअर सर्किट सीमा तक पहुंच गए। इनमें रिलायंस पावर लिमिटेड, जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपी पावर), कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और स्वान एनर्जी लिमिटेड जैसे मजबूत नाम शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि संघीय ब्याज दरों में कटौती में देरी से अमेरिका में मंदी आएगी और विदेश से पैसा निकाला जा सकता है। इस डर के बीच सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार करते नजर आए, जिसमें मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 4 प्रतिशत तक गिर गए।