देश के सभी राज्यों में एक समान दर पर सोना बेचने के लिए आभूषण उद्योग ने ‘एक देश, एक कीमत’ (ओएनओआर) नीति को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। इंडियन ज्वैलर्स एंड बुलियन एसोसिएशन ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल इस साल सितंबर तक इस नीति को लागू करने के लिए सोने के कारोबार से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ आम सहमति बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इस पहल से पारदर्शी मूल्य निर्धारण ढांचा तैयार होगा और सभी हितधारकों के लिए निष्पक्ष बाजार को बढ़ावा मिलेगा। सोने की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता से ज्वैलर्स पर उपभोक्ताओं का भरोसा भी मजबूत होगा।
लॉजिस्टिक्स लागत में अंतर, मांग और आपूर्ति में असमानता जैसे कारक मूल्य निर्धारण में असमानता पैदा करते हैं। यही कारण है कि हर राज्य में सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं। एक एकीकृत मूल्य निर्धारण नीति इन मुद्दों का समाधान करेगी, जिससे पूरे देश में सोने की दरों में एकरूपता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। इंडियन ज्वैलर्स एंड बुलियन एसोसिएशन का कहना है कि बड़े ज्वैलर्स ‘एक देश, एक कीमत’ नीति बनाने के लिए लगभग सहमत हो गए हैं और वे इस साल के अंत तक इस नीति को लागू भी कर सकते हैं।
पारदर्शिता आएगी, बाजार बनेगा ज्यादा प्रतिस्पर्धी
द हिन्दू बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन संयम मेहरा का कहना है कि ‘एक देश, एक दाम’ पहल देश में सोने की कीमत निर्धारण का एक पारदर्शी और एकसमान ढांचा तैयार करेगी. सोने के कारोबार में मौजूद विसंगतियां भी इससे दूर होंगी.
कंपनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार जैन ने कहा कि विभिन्न उद्योग संघों के साथ बातचीत चल रही है और अब तक उनकी प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो कम से कम प्रमुख ज्वैलर्स इस नीति को इस साल के अंत से पहले लागू कर देंगे।
बन सकता है सर्राफा एक्सचेंज
देश में सोने का रेट निर्धारित करने के लिए देश में नेशनल बुलियन एक्सचेंज बनाने की भी चर्चा है. योजना यह है कि यह एक्सचेंज सोने की कीमत निर्धारण करेगा और इसके जरिये तय कीमत पर आभूषण विक्रेता सोना और सोने से बने गहने बेचेंगे.