ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ बाजार में आ चुका है और फर्स्टक्राई का इश्यू 6 अगस्त को खुलेगा। इन दोनों आईपीओ को लेकर निवेशकों में अच्छा उत्साह है। ग्रे मार्केट में भी दोनों आईपीओ के अनलिस्टेड शेयर प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। मतलब, दोनों इश्यू में निवेश करने वालों को मुनाफा होने की पूरी संभावना है। लेकिन, जब ये दोनों कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट होंगी तो इसका ‘असली फायदा’ कुछ खास लोगों को मिलेगा। ये वो निवेशक हैं जिन्होंने इन दोनों कंपनियों के अनलिस्टेड शेयर काफी पहले ही खरीद लिए थे।
ओला इलेक्ट्रिक और फर्स्टक्राई के बाजार में लिस्ट होते ही टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा, सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मैट्रिक्स पार्टनर्स जैसे निवेशकों का पैसा तीन से दस गुना बढ़ जाएगा। उदाहरण के लिए, फर्स्टक्राई द्वारा घोषित आईपीओ प्राइस बैंड के ऊपरी बैंड 465 रुपये पर सॉफ्टबैंक को तीन गुना मुनाफा होगा। सॉफ्टबैंक के पास फर्स्टक्राई के शेयरों की औसत खरीद कीमत 154.40 रुपये है। इसी तरह महिंद्रा एंड महिंद्रा को छह गुना मुनाफा होने की संभावना है।
टाइगर ग्लोबल को ओला इलेक्ट्रिक देगी भारी मुनाफा
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर बाजार में लिस्ट होने पर ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म टाइगर ग्लोबल को छह गुना और मैट्रिक्स पार्टनर्स को 10 गुना तक मुनाफा होगा। इस तरह सॉफ्टवेयर फर्म यूनिकॉमर्स के शेयर बाजार में लिस्ट होते ही सॉफ्टबैंक को तीन गुना मुनाफा होगा। कंपनी के आईपीओ के अपर प्राइस बैंड के हिसाब से यह मुनाफा 1100 करोड़ रुपये होगा।
रतन टाटा भी हो जाएंगे मालामाल
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के पास फर्स्टक्राई के 77,900 शेयर हैं। उन्होंने ये शेयर 84.72 रुपये की कीमत पर खरीदे थे और अब जब आईपीओ के जरिए इसके शेयर बाजार में आ रहे हैं तो लिस्टिंग से पहले ही रतन टाटा को 5 गुना मुनाफा होता दिख रहा है।
सॉफ्टबैंक फर्स्टक्राई इश्यू के ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए 944 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगा। इस बिक्री के बाद भी सॉफ्टबैंक के पास कंपनी के 4825 करोड़ रुपये के शेयर बचेंगे। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सबसे पहले साल 2016 में फर्स्टक्राई में निवेश किया था। कंपनी आईपीओ के जरिए 130 करोड़ रुपये के शेयर बेच रही है। इस बिक्री के बाद भी एमएंडएम के पास फर्स्टक्राई के 2,349 करोड़ रुपये के शेयर बचेंगे। इन लोगों को होगा नुकसान फर्स्टक्राई की लिस्टिंग से सचिन तेंदुलकर, मैरिको के मालिक हर्ष मारीवाला, मणिपाल ग्रुप के रंजन पई और फायरसाइड वेंचर के संस्थापक कंवलजीत सिंह को पांच से दस फीसदी तक का नुकसान होने वाला है। इसी तरह ओला इलेक्ट्रिक में टेक्नी प्राइवेट वेंचर्स और अल्पाइन ऑपर्च्युनिटीज फंड को अपने निवेश लागत पर 32-33 फीसदी का अनुमानित नुकसान हो सकता है।