अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने भी जो बिडेन को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से पीछे हटने की सलाह दी है। नैन्सी पेलोसी ने कहा है कि अगर बिडेन अपनी दावेदारी नहीं छोड़ते हैं तो डेमोक्रेटिक पार्टी सदन पर नियंत्रण खो देगी क्योंकि बिडेन ट्रंप को नहीं हरा सकते।
वाशिंगटन: अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही डेमोक्रेटिक पार्टी के ज्यादातर नेता जो बिडेन की उम्मीदवारी के खिलाफ लगातार अपनी राय जाहिर कर रहे हैं. वे बिडेन से अपील कर रहे हैं कि वे खुद ही इस दौड़ से हट जाएं. लेकिन राष्ट्रपति जो बिडेन कई बार कह चुके हैं कि वे ट्रंप को हराने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं और वे पीछे नहीं हटेंगे. लेकिन अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने भी बिडेन के खिलाफ अपनी राय जाहिर की है. इससे बिडेन पर अपनी उम्मीदवारी से हटने का नैतिक दबाव बढ़ गया है. पेलोसी ने यहां तक कह दिया कि बिडेन ट्रंप को नहीं हरा पाएंगे. उनके इस बयान के बाद हंगामा और बढ़ गया है.
ओबामा ने राष्ट्रपति जो बिडेन की उम्मीदवारी को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के समक्ष निजी तौर पर चिंता व्यक्त की है। वहीं, हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने बिडेन (81) को निजी तौर पर चेतावनी दी है कि अगर वह उम्मीदवारी की दौड़ से पीछे नहीं हटते हैं, तो डेमोक्रेटिक पार्टी सदन पर नियंत्रण हासिल करने की अपनी क्षमता खो सकती है। मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, पेलोसी ने बिडेन से यह भी कहा है कि वह रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को शायद न हरा पाएं। हालांकि, बिडेन ने कहा है कि वह मुकाबले से पीछे नहीं हट रहे हैं। उनका कहना है कि वह ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने पहले भी ट्रंप को हराया है और इस बार भी ऐसा ही करेंगे।
बाइडेन अडिग
जब बिडेन द्वारा दौड़ से बाहर होने के विचार के प्रति नरम रुख अपनाने की खबरों के बारे में पूछा गया, तो उनके अभियान दल के उप प्रबंधक क्वेंटिन फुलक्स ने गुरुवार को कहा, “वह पीछे नहीं हट रहे हैं।” डेमोक्रेटिक पार्टी के कई अन्य नेता भी बिडेन से उनकी उम्र के कारण राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन एक बार फिर कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं। हालांकि, उनमें संक्रमण के ‘हल्के लक्षण’ हैं। इसके चलते उन्हें राष्ट्रपति चुनाव अभियान के अहम मोड़ पर अपना अभियान रोकना पड़ा है।