सरकार की ओर से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने करीब 200 पूर्व सांसदों को सरकारी बंगले खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है।
केंद्र सरकार ने 200 से ज़्यादा पूर्व लोकसभा सदस्यों को लुटियंस दिल्ली में उन्हें आवंटित सरकारी बंगले खाली करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सभी को ये नोटिस सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्ज़े वालों की बेदखली) अधिनियम के तहत जारी किए गए हैं। नियमों के मुताबिक, पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा के भंग होने के 1 महीने के भीतर अपने सरकारी बंगले खाली करने होते हैं।
खाली नहीं किया तो टीमें भेजी जाएंगी
सूत्रों ने बताया, “अभी तक 200 से अधिक पूर्व सांसदों को तय समय से अधिक समय तक बंगले खाली करने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है। उन्हें जल्द ही सरकारी बंगले खाली करने को कहा गया है। वहीं, कुछ अन्य पूर्व सांसदों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया चल रही है।” सूत्रों ने बताया कि अगर वे जल्द ही अपने सरकारी आवास खाली नहीं करते हैं तो “जबरन खाली कराने” के लिए अधिकारियों की टीमें भेजी जाएंगी।
बंगले आवंटित करना किसका काम है?
गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय निर्वाचित सांसदों को आवास उपलब्ध कराता है, जबकि आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय लुटियंस दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों को बंगले आवंटित करता है। अगर पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद तय समय में अपने सरकारी बंगले खाली नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ बेदखली की कार्यवाही शुरू की जाती है।
स्मृति ईरानी समेत कई पूर्व मंत्रियों ने खाली किए बंगले
इस बीच, एक अन्य सूत्र ने बताया कि केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर को 83 लोधी एस्टेट स्थित बंगला आवंटित किया गया है, जो पहले एक पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त के पास था। एक अन्य सूत्र ने बताया कि अभी तक किसी भी पूर्व केंद्रीय मंत्री को तय समय से अधिक समय तक रहने के लिए बेदखली का नोटिस जारी नहीं किया गया है। स्मृति ईरानी समेत अब तक 4 से अधिक पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने लुटियंस दिल्ली स्थित अपने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं। आपको बता दें कि पूर्व मंत्री स्मृति ने इस महीने की शुरुआत में लुटियंस दिल्ली में 28 तुगलक क्रिसेंट स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया था।