बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है। सड़कों से पुलिसकर्मी और सुरक्षा बल गायब हैं। पूरे देश पर कट्टरपंथियों का कब्जा हो गया है। जगह-जगह हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले हो रहे हैं। भारत की सीमा से लगे इलाकों में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग जमा हो गए हैं। इस बीच अहमदिया जमात के लोगों पर कई हमले हुए हैं।
इंडिया से खास बातचीत में अहमदिया जमात, बांग्लादेश के विदेश मामलों के सचिव अहमद तबशीर चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश में हालात बिगड़ने के बाद हिंदुओं के साथ अहमदिया समुदाय के लोगों पर भी हमले हो रहे हैं। हालात बहुत खराब हैं। अहमद तबशीर चौधरी ने कहा कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद कई जगहों पर अहमदिया समुदाय पर हमले हुए हैं। पहला हमला उत्तरी बांग्लादेश के अहमदनगर में हुआ। यह इलाका भारत के सिलीगुड़ी से सटा है। अहमदनगर में हजारों की भीड़ ने समुदाय के लोगों पर हमला किया है।
80 घरों में आग लगाई
तबाशीर चौधरी ने कहा कि अहमदिया लोगों के 80 घरों में लूटपाट की गई और फिर उन्हें जला दिया गया। हमारे धार्मिक स्कूल जिसे हम जामिया अहमदिया कहते हैं, पर भी हमला हुआ। हमारे वार्षिक अधिवेशन ग्राउंड को भी नुकसान पहुंचाया गया। यह 18 एकड़ में फैला हुआ है। वहां हमारा बहुत सारा सामान था। वह सब जला दिया गया। इन हमलों के पीछे कौन है, इस बारे में उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों ने इन घटनाओं को अंजाम दिया है। उन्होंने आगे कहा कि ये कट्टरपंथी हालात का फायदा उठा रहे हैं। यहां बहुत शांति है। यहां कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई। पाकिस्तान से आए ये कट्टरपंथी अहमदिया विरोधी अभियान चला रहे हैं। इन पाकिस्तानियों ने स्थानीय मुस्लिम समुदाय और मौलवियों का ब्रेनवॉश किया है। उन्हें कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाया है।