एयरपोर्ट पर देखें एक ऐसा भी अनोखा मामला, जहां पर कोई भारतीय कानून लागू नहीं होता और न ही जांच का कोई झंझट होता है। सोना तसकरों की पूरी कोशिश है कि वह इसी इलाके में अपने मंसूबों को अंजाम देकर आगे बढ़े। इस इलाक़े में वह गिरफ़्तार भी हो गया तो स्नातक का कोई डर नहीं है। हवाईअड्डे के इस क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए चेन्नै एयरपोर्ट के साथ-साथ मियामी सिक्योरिटी एडजस्टमेंट के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
असल में, हम जिस खास इलाके की बात कर रहे हैं, वह हवाई अड्डे का अंतर्राष्ट्रीय ट्रांजिट क्षेत्र है। सप्ताह के दिनों में, सोना तस्सरी के मामलों में आव्रजन अधिकारियों और टर्मिनल में तैनात कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद सीसीआई सुरक्षा एजेंसियों ने हवाईअड्डे पर मौजूद संयुक्त राष्ट्र को नए दूतावासों से तलाशना शुरू कर दिया था, जिसका लाभ संचय सोना तसकरी ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए किया था में लगे हुए हैं.
सामने आया ट्रांजिट एरिया से ऑपरेट होने वाला सिंडिकेट
इसी कवायद के दौरान, सीआईएसएफ इंटेलिजेंस का ध्यान उन मामलों पर भी गया, जिसमें इंटरनेशनल ट्रांजिट एरिया में तस्करी के इरादे से लाया गया सोना एयरपोर्ट स्टाफ को हैंडओवर किया गया था. इस दौरान, यह बात भी सामने आई कि ट्रांजिट एरिया के रास्ते सोना तस्करी करने वाले ज्यादातर तस्कर श्रीलंका मूल के हैं.
मूल रूप से ये तस्कर सोने को दुबई से लेकर चले आते हैं और चुराए हुए सोने को लेकर जाते हैं। ट्रांजिट के दौरान हवाईअड्डे पर चे साइनाई, उनकी कोशिश है कि वह टास्करी के इरादे से सोने को एमिरेट्स टिकट को रिवाइवल कर खुद कोस्टॉल छोड़ दें। वहीं, एयरपोर्ट्स डॉक्यूमेंट्री किसी भी तरह से इस सोना को टर्मिनल से बाहर ले जाया जाता है।
विदेशी तस्करों को अपराधी का भी डर नहीं होता है,
अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट क्षेत्र में भारतीय कानून लागू नहीं होता है, विदेशी तस्करों को आतंकवादी का भी डर नहीं होता है। यदि किसी चित्र में साक्ष्य जांच के दौरान पकड़ भी ली गई है तो यह निष्कर्ष निकाला गया है कि उनका अंतिम डेस्टिनेशन नेशनल कोऑलट है, वह जहां भी सामान अपनी ड्यूटी का भुगतान करेगा।
भारतीय सुरक्षा शिक्षण और कलाम के खिलाफ ट्रांजिट यात्रा में किसी भी तरह की कार्रवाई का अधिकार नहीं है। ध्यान दें, ये विदेशी तसकर बेखौफ सोना तसकरी की दुनिया को अंजाम देने में लगे हुए हैं। हालाँकि, इन विदेशी तश्तरियों द्वारा लाए गए सोना भारतीय सीमा में पैलेश न हो पाए, इसके लिए सीआईएसएफ सहित विभी शोभन ने व्यापक स्मारक पर प्रवेश शुरू कर दिया है।
सीआईएसएफ ने शुरू की कैमरे से निगरानी की कवायद
ट्रांजिट एरिया में चल रहे इस सिंडिकेट के खुलासे के बाद सीआईएसएफ ने नए सिरे से सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने की कवायद शुरू कर दी है. इस कवायद के तहत, ट्रांजिट एरिया में उन सभी इलाकों की पहचान की गई है, जो सीसीटीवी कैमरों की जद में नहीं आते हैं. सीआईएसएफ ने एयरपोर्ट ऑपरेटर को ट्रांजिट एरिया में करीब 250 कैमरों को इंस्टाल कर हर कोने को सीसीटीवी कैमरों की जद में लाने को कहा है.
इसके अलावा, टॉयलेट में सोना हैंडओवर करने की संभावनाओं को देखते हुए ट्रांजिट एरिया में स्थिति टॉयलेट में एयरपोर्ट स्टाफ के जाने पर रोक लगा दी गई है. अब इन टॉयलेट्स का इस्तेमाल सिर्फ यात्री ही कर कसते हैं. इसके अलावा, ट्रांजिट एरिया में तैनात एयरपोर्ट स्टाफ की ड्यूटी खत्म होने के बाद फ्रिस्किंग शुरू करने की बात चल रही है.