नीट पेपर लीक मामले में आरोपी गंगाधर गुंडे को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी है। उनके वकील ने दलील दी कि गलत पहचान के कारण उनकी गिरफ्तारी हुई। 26 जून को गिरफ्तार किए गए गुंडे को सीबीआई ने शुरू में दर्ज मामले में आरोपी बनाया था।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने गंगाधर गुंडे को जमानत दे दी, जिनके वकील ने महाराष्ट्र के लातूर से जुड़े नीट पेपर मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी में गलत पहचान का तर्क दिया था। गुंडे को 26 जून को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अंकित सिंगला ने सीबीआई और गुंडे के वकील दोनों की दलीलें सुनने के बाद जमानत दे दी। गुंडे के वकील एडवोकेट कैलाश मोरे ने तर्क दिया कि गुंडे को गलत पहचान के कारण गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया था, वह वह व्यक्ति नहीं था जिसकी सीबीआई तलाश कर रही थी।
मामले की पृष्ठभूमि
सीबीआई ने बाद में नीट यूजी परीक्षा 2024 की एफआईआर को अपने हाथ में ले लिया, जिसे शुरू में लातूर पुलिस ने दर्ज किया था। इस मामले में कई आरोपी शामिल थे, जिनमें एक एन गंगाधर अप्पा नंजुथप्पा भी शामिल था, जिसे बाद में बेंगलुरु में गिरफ्तार किया गया। गुंडे का नाम जांच के दौरान एक संदिग्ध संजय तुकाराम जाधव से मुलाकात के कारण सामने आया।
सीबीआई के प्रतिवाद
सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि आरोपी की असली पहचान अभी भी अनिश्चित है, क्योंकि एक संदिग्ध इरेना कोनागलवार अभी भी फरार है। सीबीआई ने गुंडे को अन्य संदिग्धों के साथ उसकी बातचीत और अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर के माध्यम से मामले से जोड़ा।
मामले का विवरण और गिरफ्तारियाँ
सीबीआई ने शुरू में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, और गुंडे की गिरफ्तारी अन्य पूछताछ के दौरान उठाए गए संदेह के बाद हुई। जांच में गुंडे को नीट उम्मीदवारों से जुड़े एक नेटवर्क और अंकों में बदलाव के लिए मौद्रिक लेनदेन से जोड़ा गया।
भविष्य की कार्यवाही
आगे की जांच और प्रतीक्षित फोन कॉल डेटा रिकॉर्ड के लंबित रहने पर जमानत देने का अदालत का फैसला चल रही नीट पेपर लीक जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।