Thursday, November 21, 2024
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माउंट आबू को खड्ड से ऊपर उठा चुका है यह सांप, मुंह और पूंछ वाले हिस्से में बसे हैं दो गांव, रहस्यमयी है कहानी

नाग पंचमी के दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है। इस दिन नागों की पूजा का विशेष महत्व होता है। नागों की पूजा करने से विषैले सांपों से रक्षा होती है और जीवन में उन्नति और समृद्धि आती है। आज हम आपको सिरोही जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माउंट आबू के पहाड़ों और अर्बुदा नाग के बारे में बताने जा रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार माउंट आबू के पहाड़ों को अर्बुदा नामक नाग ने थाम रखा है। इसी वजह से माउंट आबू को अर्बुदा अरण्य या अर्बुदांचल भी कहा जाता है। इस नाग का मुंह वाला हिस्सा नागाणी गांव में और पूंछ वाला हिस्सा नागपुरा गांव में है। इन दोनों गांवों में अर्बुदा नाग के प्राचीन मंदिर हैं। माउंट आबू के पहाड़ों के बीच अछपुरा से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन अर्बुदा नाग-नागिन मंदिर में भक्तों की बड़ी आस्था है। यहां लोग पहाड़ी पगडंडियों और नदी के रास्ते मंदिर तक पहुंचते हैं। करीब 12 साल पहले इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। यहां अर्बुदा नाग और नागिन के जोड़े की मूर्ति स्थापित है। पास ही एक पेड़ के पास एक पुराने मंदिर में नाग की मूर्ति भी है। नाग पंचमी पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

मंदिर के बारे में यह है मान्यता

मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में यहां ब्रह्म खाई हुआ करती थी। सप्त ऋषियों में से एक गुरु वशिष्ठ की कामधेनु गाय इस खाई में गिर गई थी। तब उन्होंने भगवान शिव का आह्वान किया और उनसे इस खाई को भरने के लिए कहा। तब हिमालय के पुत्र नंदीवर्धन को यहां लाया गया, जिसे अर्बुदा नाग ने अपने ऊपर उठा लिया। लेकिन खाई के ऊपर होने के कारण पर्वत में कंपन होने लगा। तब गुरु वशिष्ठ ने फिर से भगवान शिव का आह्वान किया। तब भगवान शिव ने पर्वत को अपने पैर के अंगूठे पर उठा लिया। आज भी अचलगढ़ स्थित शिव मंदिर में भगवान के अंगूठे की पूजा की जाती है।

रेबारी समुदाय के लोग नाग को इष्टदेव गोगाजी के रूप में पूजते हैं

नागपुरा निवासी श्रद्धालु हेमाराम देवासी ने लोकल18 को बताया कि अर्बुदा नाग-नागिन मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। यहां बड़ी संख्या में रेबारी समुदाय के लोग आते हैं। रेबारी समुदाय में नाग देवता को गोगाजी महाराज के रूप में पूजा जाता है। अन्य समुदायों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।

(Note: इस खबर में दी गई जानकारी राशि, धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषियों और आचार्यों से बात करने के बाद लिखी गई है। कोई भी घटना, दुर्घटना या लाभ-हानि महज एक संयोग है। ज्योतिषियों द्वारा दी गई जानकारी सभी के हित में है। लोकल-18 बताई गई किसी भी बात का व्यक्तिगत रूप से समर्थन नहीं करता है।)

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