अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से फैल रहे हैं। भारत सरकार दूसरे देशों से आने वाले नागरिकों को लेकर सतर्क है। मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए एयरपोर्ट और सीमाओं पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स तेजी से फैल रहा है। इस साल की शुरुआत से अब तक डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मंकीपॉक्स की वजह से 548 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग मंकीपॉक्स से पीड़ित हैं। अफ्रीकी देशों के अलावा मंकीपॉक्स के दूसरे देशों में भी फैलने की आशंका है। इसके चलते भारत सरकार पहले ही सतर्क हो गई है।
पड़ोसी देश की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाई गई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के चलते बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं के पास स्थित सभी एयरपोर्ट के साथ ही लैंड पोर्ट के अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रति सतर्क रहने को कहा है। सरकार के आदेश के बाद मंकीपॉक्स के खतरे को भांपते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई।
दिल्ली के इन 3 अस्पतालों में किए गए इंतजाम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स से पीड़ित किसी भी मरीज के दिल्ली में रहने, आइसोलेशन, प्रबंधन और इलाज के लिए खास इंतजाम किए हैं। यहां डॉक्टरों की एक टीम उसकी निगरानी करेगी। दिल्ली में राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल को नोडल सेंटर के तौर पर चिह्नित किया गया है।
राज्य भी पहले से योजना बनाएं- केंद्र सरकार
सूत्रों ने बताया कि सभी राज्य सरकारों को भी अपने क्षेत्र में ऐसे चिह्नित अस्पतालों की पहचान करने को कहा गया है। जहां मंकीपॉक्स से संबंधित मरीजों की निगरानी की जा सके और उन्हें आइसोलेशन में रखा जा सके। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को लेकर पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें त्वरित पहचान के लिए निगरानी बढ़ाने के बीच मंकीपॉक्स को लेकर देश की तैयारियों की समीक्षा की गई है।
WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर क्या कहा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसके प्रचलन और प्रसार को देखते हुए मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बताया है। साथ ही, मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है।