Friday, November 22, 2024
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हिमाचल प्रदेश: लाहौल स्पीति की मयाड़ घाटी में देर रात अचानक आई बाढ़, चांगुट से तिंगरेट तक सड़क बंद

प्रशासन ने लाहौल स्पीति की मयाड़ घाटी में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। बाढ़ के कारण इलाके की सड़कें बंद हो गई हैं। बारिश के कारण इलाके में जनजीवन प्रभावित हुआ है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले की मयाड़ घाटी में अचानक आई बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हो गया है। जानकारी के अनुसार, शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे मयाड़ घाटी के चंगुट नाला में अचानक आई बाढ़ के कारण चंगुट से तिंगरेट जाने वाला मार्ग बंद हो गया है। जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।

शिमला, कुल्लू और मंडी में बादल फटा

वहीं, शनिवार को बचावकर्मियों ने मंडी जिले के राजबन गांव में एक व्यक्ति को चट्टान के नीचे फंसा हुआ देखा, जिसके बाद वे विस्फोट कर उसे तोड़ने और पीड़ित को वहां से निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में पांच लोग अभी भी लापता हैं। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों (शिमला, कुल्लू और मंडी) में बादल फटने के बाद लापता करीब 45 लोगों का पता लगाने के लिए शनिवार को बचाव अभियान फिर से शुरू हुआ लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है।

अब तक 8 लोगों की मौत की खबर

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), एसडीआरएफ, सीआईएसएफ, पुलिस और होमगार्ड के कुल 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से तलाशी अभियान में जुटे हैं। बुधवार रात कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

एनडीआरएफ के कमांडिंग ऑफिसर करम सिंह ने बताया, “संयुक्त बचाव अभियान चल रहा है और लापता लोगों को खोजने के प्रयास जारी हैं। हम मलबे में दबे या फंसे लोगों का पता लगाने के लिए विभिन्न उपकरणों और सेंसर का इस्तेमाल कर रहे हैं।” करम की टीम अन्य लोगों के साथ शिमला और कुल्लू जिलों की सीमा पर स्थित समेज गांव में लापता लोगों की तलाश कर रही है। सरपारा गांव के प्रधान मोहन लाल कपाटिया ने कहा, “हर गुजरते घंटे के साथ लोगों को जीवित पाने की संभावना कम होती जा रही है, लेकिन हम बस यही उम्मीद करते हैं कि शव जल्द ही बरामद कर लिए जाएं, क्योंकि अगर देरी हुई तो वे सड़ जाएंगे और उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाएगा।”

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