Friday, November 22, 2024
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इजरायल को ईरान की धमकियां नहीं, कर रही बड़ी तैयारी! इन द्वीपों की तस्वीर अमेरिका को भी हो जाएगी

फिलिस्तीन में इजरायली सेना के ताबड़तोड़ हमले के बीच ईरान कई बार इजरायल को धमकी देता रहा है? अब खुफिया सैटेलाइट से ली गईं ईरान की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बाद शक जताया जा रहा है कि ईरान कोई बड़ी तैयारी तो नहीं कर रहा. ये तस्वीरें ईरान की राजधानी तेहरान से सटे मोडारेस और खोजिर इलाके की हैं, जहां दो बड़े कारखानों में खूब हलचल दिख रही है. इन सैटेलाइट तस्वीरों को लेकर अमेरिका की भी नजर टेढ़ी होनी लाजमी है.

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कारखानों में बैलेस्टिक मिसाइलें और ड्रोन बनाए जाते हैं और हाल के कुछ महीनों में ये काफी बड़े हो गए हैं. इसमें यह भी दावा किया गया है कि यहां बनने वाली मिसाइलें रूस के अलावा हिजबुल्लाह को दी जा रही हैं, जबकि ड्रोन हूति विद्रोहियों को सप्लाई की जा रही है.

इस रिपोर्ट में दो अमेरिकी शोधकर्ताओं के हवाले से बताया गया है कि ये सैटेलाइट तस्वीरें वहां मिसाइल उत्पादन के बढ़ावे को दिखाती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के तीन सीनियर अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है.

रूस से मिसाइल डील के बाद बढ़े कारखाने
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद अक्टूबर 2022 में ईरान से मिसाइल सप्लाई के डील की थी और उसके बाद ही वहां इस मिसाइल कारखानों में विस्तार देखा गया. वहीं अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, तेहरान यमन के हूती विद्रोहियों और लेबनानी मिलिशिया हिजबुल्लाह को भी मिसाइलें देता है. ये दोनों ही इजरायल के खिलाफ ईरान के सपोर्ट वाले प्रतिरोध की धुरी (एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस) के सदस्य हैं.

कमर्शियल सैटेलाइट कंपनी प्लैनेट लैब्स द्वारा मार्च में मोदारेस आर्मी बेस और अप्रैल में खोजिर मिसाइल फैसिलिटी की ली गई तस्वीरों में दोनों जगहों पर 30 से ज्यादा नई इमारतें दिखाई दे रही हैं. ये दोनों ही तेहरान के पास स्थित हैं.

ईरान के पास मिडिल ईस्ट में सबसे ज्यादा मिसाइल
एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान का शस्त्रागार पहले से ही मध्य पूर्व में सबसे बड़ा है. ऐसा माना जाता है कि इसमें 3,000 से ज्यादा मिसाइले हैं, जिसमें पारंपरिक और परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिज़ाइन किए गए मॉडल भी शामिल हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के तीन सीनियर अधिकारियों ने ने पहचान न जाहिर की शर्त पर कंफर्म किया कि पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए मोडारेस और खोजिर में इन कारखानों का विस्तार किया जा रहा है. इन्हीं में से एक अधिकारी ने बताया कि यहां कुछ नई इमारतों का इस्तेमाल ड्रोन बनाने के लिए किए जाते हैं और इससे ईरान का ड्रोन उत्पादन दोगुना हो सकता है.

सूत्र ने बताया कि ये ड्रोन इजरायल पर लगातार हमले कर रहे हूति विद्रोहियों और मिसाइलें हिजबुल्लाह को दी जाएंगी. हालांकि इन दावों की ईरानी अधिकारियों ने आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं की है.

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