Friday, November 22, 2024
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धरती की तरफ बढ़ रहा विशालकाय एस्टेरॉयड, 65 हजार किमी प्रतिघंटे की है रफ्तार, नासा ने दी जानकारी

आसमान से धरती की तरफ आ रहे विशालकाय उल्कापिंड का नासा ने पता लगाया है। इसका नाम 2024 MT-1 रखा गया है, जिसका व्यासा लगभग 260 फीट है। बता दें कि इसका नाम 2024 MT-1 रखा गया है। नासा ने इसकी जानकारी दी है।

आसमान से धरती की तरफ एक बड़ा खतरा आ रहा है। दरअसल हम बात कर रहे हैं उल्कापिंड यानी एस्टेरॉयड की। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है। जानकारी के मुताबिक यह उल्कापिंड 65,215 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से थ्वी की तरफ बढ़ रहा है, जिसका नाम 2024 MT-1 रखा गया है। इस उल्कापिंड का व्यास लगभग 260 फीट है। वहीं इसके 8 जुलाई तक पृथ्वी के करीब पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। नासा ने पहले बार इस क्षुद्रग्रह का पता नियर अर्थ ऑब्जेक्ट ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम में लगाया था। इस प्रोग्राम के तहत धरती की तरफ आ रहे उल्कापिंडों और धूमकेतुओं को ट्रैक किया जाता है।

पृथ्वी के करीब आ रहा विशाल एस्टेरॉयड

बता दें कि जमीन पर दूरबीन और बड़े-बड़े उपकरणों तथा रडार की मदद से पृथ्वी की तरफ आ रहे उल्कापिंडों का पता लगाया जाता है। ऐसे में 2024 MT-1 की आकार और गति ने वैज्ञानिकों की चिंता को बढ़ा दिया है। हालांकि नासा ने कहा है कि पृथ्वी से इसके टकराने का कोई तुरंत खतरा नहीं है। बता दें कि नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी की ओर से 2024 MT-1 के मार्ग की निगरानी की जा रही है। बता दें कि 2024 MT-1 पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है, हालांकि वह पृथ्वी से टकराने वाला नहीं है। यह पृथ्वी से करीब 15 किमी दूर से ही गुजरेगा। यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से चार गुना ज्यादा है।

तबाही लाने में सक्षम होते हैं उल्कापिंड

बता दें कि इस तरह के एस्टेरॉयड के आकार बेहद खतरनाक होते हैं। क्योंकि अगर इस तरह के उल्कापिंड पृथ्वी से अगर टकराते हैं तो वह भारी तबाही ला सकते हैं। 2024 MT-1 जैसे उल्कापिंड अगर पृथ्वी से टकराते हैं तो आग, सुनामी, विस्फोट और भी कई प्रकार की तबाहिया लाने में सक्षम होते हैं। हालांकि नासा का ग्रह रक्षा समन्वय कार्यालय इस तरह के खतरों और उनसे निपटने की रणनीतियों पर लगातार काम कर रहा है। बता दें कि पीडीसीओ एक ऐसी तकनीक विकसित करने में जुटा हुआ है, जिससे इस तरह के खतरों को टाला जा सके।

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