2013 के धोखाधड़ी के एक मामले में पुणे की एक अदालत ने मनोज जरांगे पाटिल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल मुश्किल में फंस गए हैं। महाराष्ट्र की पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को जरांगे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। आपको बता दें कि जरांगे पाटिल राज्य के जालना स्थित अपने गांव में आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। मनोज जरांगे पाटिल के वकील ने यह जानकारी दी है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
क्यों जारी हुआ गैर-जमानती वारंट?
पुणे की एक अदालत ने 2013 के धोखाधड़ी के एक मामले में मनोज जरांगे पाटिल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले 31 मई को जरांगे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। तब जरांगे अदालत में पेश हुए थे। तब अदालत ने गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिया था, लेकिन उन पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया था। इस मामले में सुनवाई के लिए जरांगे को मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए।
क्या कहा जरांगे के वकील ने?
गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद जरांगे पाटिल के वकील ने कहा है कि जरांगे फिलहाल भूख हड़ताल पर हैं, इसलिए वे मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं हो सके। हम उन्हें कोर्ट में पेश करेंगे और गैर जमानती वारंट रद्द करवाएंगे। आपको बता दें कि जरांगे और दो अन्य के खिलाफ 2013 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया था।