Thursday, November 21, 2024
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अभिनेता ने सीधे इंदिरा गांधी से मुकाबला किया था और सरकार के खिलाफ अदालती मुकदमा जीतकर अपनी जीत की घोषणा की थी

भारतीय सिनेमा में देशभक्ति फिल्मों का दौर शुरू करने वाले मनोज कुमार का आज जन्मदिन है। इस खास मौके पर हम आपके लिए उनसे जुड़ा एक किस्सा लेकर आए हैं, जिसे जानने के बाद आप जरूर कहेंगे कि वह कितने साहसी थे।

भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई अभिनेता आए और चले गए लेकिन महान मनोज कुमार जैसा कोई नहीं हुआ। हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन फिल्में देने वाले मनोज कुमार अपने उसूलों पर पक्के थे। मनोज ने पर्दे पर कई बेहतरीन किरदार निभाए। उनके हर किरदार में उनकी छाप नजर आती थी। अपनी फिल्मों के जरिए मनोज कुमार ने लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई और देशभक्ति वाली फिल्में बनाने वाले बॉलीवुड के पहले अभिनेता बने। मनोज कुमार आज अपना 87वां जन्मदिन मना रहे हैं। दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता के साहसी रवैये के कई किस्से हैं जिनमें से एक हम आपके लिए लेकर आए हैं। ये किस्सा मनोज कुमार और इंदिरा गांधी के बीच हुए विवाद का है, जब इमरजेंसी की घोषणा के बाद दोनों आमने-सामने खड़े हो गए थे।

इमरजेंसी के तुरंत बाद ही मनोज को आया गुस्सा

देखा जाए तो शुरुआती दौर में मनोज कुमार और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बीच सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जैसे ही इमरजेंसी की घोषणा हुई, दोनों के बीच काफी कुछ बदल गया। दरअसल मनोज कुमार ने इमरजेंसी का खुलकर विरोध किया था। कहा जाता है कि जो फिल्मी सितारे इमरजेंसी का विरोध कर रहे थे, उन पर बैन लगा दिया गया था। इन सितारों की फिल्में रिलीज होते ही बैन कर दी जाती थीं। मनोज कुमार की फिल्मों के साथ भी यही हुआ। मनोज कुमार की फिल्म ‘दस नंबरी’ को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बैन कर दिया था और इसके बाद रिलीज हुई ‘शोर’ का भी यही हाल हुआ। ‘शोर’ के निर्देशक और निर्माता दोनों ही मनोज ही थे। इस फिल्म के रिलीज होने से पहले ही इसे दूरदर्शन पर दिखाया गया, जिसकी वजह से फिल्म सिनेमाघरों में कमाई नहीं कर पाई और इस वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद फिल्म को भी बैन कर दिया गया।

मनोज ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

ऐसी स्थिति में मनोज कुमार के पास कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वे कई हफ्तों तक कोर्ट के चक्कर काटते रहे, लेकिन इससे उन्हें फायदा हुआ और फैसला उनके पक्ष में आया। इसी के चलते वे इकलौते ऐसे फिल्ममेकर हैं, जिन्होंने भारत सरकार के खिलाफ केस जीता है। इस केस के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें एक ऑफर दिया, ये ऑफर था ‘इमरजेंसी’ पर फिल्म बनाने का, लेकिन मनोज ने इसे ठुकरा दिया और साफ मना कर दिया। इस फिल्म की स्क्रिप्ट अमृता प्रीतम लिख रही थीं और ये एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म होने वाली थी। जब मनोज को इस बारे में पता चला तो उन्होंने अमृता प्रीतम को डांटा भी था।

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