परंपरा के अनुसार, पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव ने तीनों रथों के सामने ‘छेरा पहरा’ (रथों के आगे झाड़ू लगाना) की रस्म निभाई। एसजेटीए के अधिकारियों ने बताया कि रथ खींचने की रस्म शाम 4 बजे शुरू हुई।
‘जय जगन्नाथ’ के नारों और झांझ-मंजीरों की ध्वनि के बीच, सोमवार को पुरी में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की ‘बहुदा यात्रा’ या वापसी उत्सव शुरू हुआ। लाखों भक्तों की मौजूदगी में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को ‘चक्रराज सुदर्शन’ के साथ श्री गुंडिचा मंदिर से एक औपचारिक ‘धाड़ी पहंडी’ (जुलूस) के माध्यम से उनके रथों तक लाया गया। यह भगवान की 12वीं सदी के श्रीमंदिर में वापसी यात्रा या ‘बहुदा यात्रा’ की शुरुआत थी।
7 जुलाई को रथ यात्रा के दिन देवताओं को मुख्य मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर श्री गुंडिचा मंदिर ले जाया गया। भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर में सात दिनों तक रहे, जिसे उनका जन्मस्थान माना जाता है। हालांकि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने पहले दोपहर 12 बजे से दोपहर 2.30 बजे के बीच पहांडी का समय तय किया था, लेकिन देवताओं की शोभायात्रा निर्धारित समय से पहले सुबह 10.45 बजे शुरू हुई।
रथ खींचने की परंपरा शुरू हुई
परंपरा के अनुसार, पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव ने तीनों रथों के सामने ‘छेरा पहरा’ (रथों के सामने की जमीन को साफ करना) की रस्म निभाई। एसजेटीए अधिकारियों ने कहा कि रथ खींचने की परंपरा शाम 4 बजे शुरू हुई। ओडिशा पुलिस ने ‘बहुदा यात्रा’ के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 180 प्लाटून और 1,000 अधिकारियों को तैनात किया है। एक प्लाटून में 30 जवान होते हैं। ऐसे में कुल 5400 जवानों को तैनात किया गया है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि ‘बाहुड़ा यात्रा’ के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, पूरा शहर सीसीटीवी की निगरानी में है। इस उत्सव में करीब पांच लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात को भगवान को 12वीं सदी के मंदिर के सिंह द्वार के सामने रथों पर विराजमान किया जाएगा और 17 जुलाई को रथों पर ‘सुनहरे वस्त्र’ की रस्म निभाई जाएगी। अधिकारी ने बताया कि भगवान के ‘सुनहरे वस्त्र’ के दर्शन के लिए करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।