उत्तर प्रदेश में अब लव जिहाद करने वालों को उम्रकैद की सजा दी जाएगी। योगी सरकार ने लव जिहाद को लेकर नया संशोधित विधेयक विधानसभा में पेश किया है। जानिए नए संशोधित विधेयक में क्या होंगे प्रावधान?
यूपी में अब लव जिहाद के मामले में उम्रकैद हो सकती है। विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया गया। इस विधेयक में जहां पहले से परिभाषित अपराधों की सजा दोगुनी कर दी गई है, वहीं नए अपराधों को भी शामिल किया गया है, जिनमें आजीवन कारावास का प्रावधान है। ऐसे में अब यूपी में लव जिहाद में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रस्ताव करने वाला संशोधित विधेयक सदन में पेश किया गया।
2 अक्टूबर को पारित हो सकता है विधेयक
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2021 में ही सदन में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया था, जिसके बाद संशोधित विधेयक सोमवार 29 जुलाई 2024 को पेश किया गया है। अब जो संशोधन विधेयक पेश किया गया है, उसे संभवतः 2 अगस्त को विधानसभा में ध्वनिमत से पारित किया जा सकता है। इस नए संशोधित विधेयक में पहली बार इन अपराधों में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रस्ताव है। इस कानून के तहत अवैध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी अपराध के दायरे में लाया गया है। इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी अवैध संगठन से फंडिंग भी शामिल है। अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कराने के इरादे से किसी व्यक्ति को जान या माल का भय दिखाता है, हमला करता है, बल प्रयोग करता है या शादी का वादा करता है या इसके लिए साजिश रचता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी देना होगा।
पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए कोर्ट जुर्माने के तौर पर उचित राशि तय कर सकेगा। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा और सामाजिक स्थिति, महिलाओं, एससी-एसटी आदि के अवैध धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सजा और जुर्माने को और सख्त किए जाने की जरूरत महसूस की गई। इसलिए यह विधेयक लाया जा रहा है।
पुराने विधेयक में ये हैं प्रावधान
पुराने विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। इस विधेयक के तहत सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य होगा।
झूठ बोलकर, धोखा देकर धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा। स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के मामले में मजिस्ट्रेट को दो महीने पहले सूचना देनी होगी।
विधेयक के अनुसार जबरन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन कराने पर 1-5 साल की कैद और 15,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
अगर ऐसा एससी-एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के साथ होता है तो 25,000 रुपये जुर्माने के साथ 3-10 साल की कैद का प्रावधान है।
विधेयक में कहा गया है कि धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को निर्धारित प्रारूप पर 2 महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देनी होगी, जिसका उल्लंघन करने पर 6 महीने से 3 साल की सजा और 10,000 रुपये से कम का जुर्माना नहीं देना होगा।