हेम्ब्रम ने राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जेएमएम के आधिकारिक उम्मीदवार विजय हांसदा को चुनौती दी। जेपी पटेल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और हजारीबाग सीट से चुनाव लड़े। हालांकि, दोनों ही चुनाव हार गए।
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को दलबदल विरोधी कानून के तहत दो विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। यह आदेश 26 जुलाई से प्रभावी होगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के लोबिन हेम्ब्रोम और कांग्रेस के जयप्रकाश भाई पटेल को सदन से अयोग्य घोषित करने का आदेश शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा के छह दिवसीय मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर आया। एक अधिकारी ने बताया कि झामुमो ने लोबिन हेम्ब्रोम और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जयप्रकाश भाई पटेल के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी।
हेम्ब्रोम ने राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और झामुमो के आधिकारिक उम्मीदवार विजय हांसदा को चुनौती दी थी। वहीं, जेपी पटेल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और हजारीबाग सीट से चुनाव लड़े थे। हालांकि, दोनों चुनाव हार गए थे। अधिकारी ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया।
मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने 26 जुलाई से 2 अगस्त तक प्रस्तावित मानसून सत्र के दौरान सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए गुरुवार को सर्वदलीय बैठक की। यह सत्र इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सदन की आखिरी बैठक है। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री रामेश्वर उरांव, आजसू पार्टी के विधायक लंबोदर महतो, भाकपा (माले) लिबरेशन के विधायक विनोद सिंह मौजूद थे। भाजपा ने बैठक से दूरी बनाए रखी।
बैठक में देरी से पहुंचे सीपी सिंह
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि रांची के विधायक सीपी सिंह देरी से पहुंचे। उनके पहुंचने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद उन्हें इस बैठक के लिए पार्टी का प्रतिनिधि बनाया गया है। महतो ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मौजूदा विधानसभा के आखिरी सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी।’